अयोध्या में साध्वी ऋतंभरा ने ‘सनातन बोर्ड’ के गठन की मांग की और वक्फ बोर्ड की साजिशों के खिलाफ आवाज उठाई। साथ ही अयोध्या, काशी, मथुरा के धार्मिक स्थलों के मुद्दे पर भी बयान दिया।
अयोध्या, उत्तर प्रदेश: राम मंदिर आंदोलन की प्रमुख चेहरा रहीं साध्वी ऋतंभरा ने हाल ही में अयोध्या में एक बड़ी राजनीतिक और धार्मिक घोषणा की। उन्होंने ‘सनातन बोर्ड’ के गठन की जोरदार वकालत की और वक्फ बोर्ड द्वारा धार्मिक स्थलों पर कब्जे की साजिशों को नाकाम करने की अपील की। साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि भारत में धर्म, संस्कृति और धार्मिक स्थलों की रक्षा के लिए यह कदम उठाना जरूरी हो गया है।
वक्फ बोर्ड द्वारा भूमि हड़पने की साजिश
साध्वी ऋतंभरा ने आरोप लगाया कि वक्फ बोर्ड के माध्यम से कई मुस्लिम संगठनों द्वारा हिन्दू धर्म के धार्मिक स्थलों पर कब्जा करने की साजिशें की जा रही हैं। उन्होंने इस तरह की साजिशों को विफल करने के लिए ‘सनातन बोर्ड’ के गठन की जरूरत पर बल दिया, जो हिन्दू धर्म और संस्कृति की रक्षा कर सके। ऋतंभरा ने कहा, “भारत के खिलाफ कई षड्यंत्र रचे गए हैं, लेकिन अभिमंत्रित मंत्रों की शक्ति से वे विफल हो गए हैं।”
अयोध्या, काशी और मथुरा के धार्मिक स्थल
साध्वी ऋतंभरा ने अयोध्या, काशी और मथुरा के धार्मिक स्थलों के महत्व पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि, “हमने नारा दिया था – ‘अयोध्या, मथुरा, काशी विश्वनाथ, तीनों लेंगे एक साथ’। आज अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो चुका है, जबकि काशी और मथुरा के मामलों में कानूनी लड़ाई जारी है।” साध्वी ऋतंभरा ने यह भी बताया कि इन धार्मिक स्थलों की रक्षा और वहां के विवादों का हल भारतीय संविधान और न्याय व्यवस्था के माध्यम से होना चाहिए।
महाकुंभ पर राजनीतिक बयानबाजी
महाकुंभ के आयोजन को लेकर चल रही राजनीतिक बयानबाजी पर भी साध्वी ऋतंभरा ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा, “गिद्धों को सिर्फ लाशें ही दिखाई देती हैं। महाकुंभ में जातिवाद की दीवारें ध्वस्त हो गईं और पूरा भारत एकात्मता के भाव में नजर आया।” साध्वी ऋतंभरा ने महाकुंभ को भारतीय समाज की एकता का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह आयोजन हर भारतीय को एकजुट होने का संदेश देता है।
हिंदी भाषा और हिंदू संस्कृति का प्रचार
साध्वी ऋतंभरा ने भारत में हिंदी भाषा और हिंदू संस्कृति के प्रचार-प्रसार पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि, “हिंदी, हिंदू, हिंदुस्तान हमेशा सिरमौर रहेगा। भारत अब जाग चुका है और जातियों व पार्टियों की राजनीति हमें नहीं बांट पाएगी।” उन्होंने यह भी कहा कि भारत की संस्कृति और सभ्यता को बचाए रखना जरूरी है और इसके लिए हमें सभी जातिवाद और सांप्रदायिकता की दीवारों को तोड़ने की आवश्यकता है।
साध्वी ऋतंभरा का संदेश
साध्वी ऋतंभरा ने अपने संबोधन में यह भी स्पष्ट किया कि धर्म के कार्यों में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए, बल्कि उन्हें धैर्य और सावधानी से करना चाहिए। उनका मानना था कि सनातन धर्म के रक्षकों को अपने कदम आगे बढ़ाने में समय नहीं गंवाना चाहिए, लेकिन साथ ही साथ उन्हें संतुलन और न्याय की भावना के साथ काम करना चाहिए।