एक दूसरे से मिलने के लिए तड़प रहे साहिल और मुस्कान, अधिकारियों ने नहीं मानी दोनों की ये खास डिमांड

Deepak Sharma
5 Min Read
एक दूसरे से मिलने के लिए तड़प रहे साहिल और मुस्कान, अधिकारियों ने नहीं मानी दोनों की ये खास डिमांड

मेरठ (उत्तर प्रदेश): प्रेमी के साथ मिलकर अपने पति की हत्या करने वाली मुस्कान, जो इस समय मेरठ जिला जेल में बंद है, अब साहिल के साथ अपनी सजा काट रही है। हालांकि, दोनों के बीच एक-दूसरे से मिलने की तड़प कम नहीं हुई है, लेकिन जेल प्रशासन ने नियमों के तहत उनकी मांग को अस्वीकार कर दिया है। दोनों ने एक ही बैरक में रहने की गुजारिश की थी, लेकिन जेल मैन्युअल के अनुसार यह संभव नहीं था, जिससे उनकी उम्मीदों को झटका लगा है।

जेल प्रशासन की स्पष्ट नीति

साहिल और मुस्कान दोनों के बीच एक गहरी दोस्ती और जुड़ाव है, लेकिन वे एक-दूसरे से मिलने के लिए बार-बार प्रयास कर रहे हैं। बावजूद इसके, जेल प्रशासन ने साफ कर दिया है कि किसी भी कैदी की मांग पर विचार करते समय जेल के नियमों का पालन किया जाता है, और नियमों के अनुसार दोनों को अलग-अलग बैरकों में रखा गया है। प्रशासन ने यह भी कहा कि जेल में किसी भी प्रकार की विशेष मांग को सिर्फ तभी माना जाता है, जब वह मैन्युअल के दायरे में हो।

See also  महाकुंभ: पहले अमृत स्नान में उमड़ा जनसैलाब, 3.50 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने लगाई संगम में डुबकी

नए कार्यों की शुरुआत

हालांकि, मुस्कान और साहिल को जेल में काम करने की अनुमति मिल गई है। दोनों ने अपनी रुचि के अनुसार कार्य करने की इच्छा जाहिर की थी, जिसे जेल प्रशासन ने स्वीकार कर लिया। मुस्कान ने सिलाई और कढ़ाई सीखने की इच्छा जताई, जबकि साहिल ने खेती-किसानी में हाथ आजमाने की इच्छा व्यक्त की थी। जेल प्रशासन के अनुसार, दोनों को उनके चयनित कार्यों में प्रशिक्षित किया जाएगा।

मुस्कान को मिलेगा सिलाई-कढ़ाई प्रशिक्षण

मुस्कान ने जेल प्रशासन से सिलाई और कढ़ाई सीखने का आग्रह किया था, जिसे प्रशासन ने मंजूरी दे दी है। जेल में उसे इस कौशल का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वह भविष्य में स्वरोजगार के अवसर पा सकती है। प्रशिक्षण के बाद मुस्कान विभिन्न वस्त्रों की सिलाई करने में सक्षम होगी, जो उसकी आजीविका का एक नया साधन बन सकता है।

See also  मैं पिछड़ा हूं इस कारण मेरे खिलाफ एफआईआर, साधु-संतों पर कोई एक्शन नहीं लिया यूपी सरकार ने : मौर्य

साहिल को खेती का मिलेगा प्रशिक्षण

साहिल ने खेती करने की इच्छा जाहिर की थी, जिसे जेल प्रशासन ने स्वीकार कर लिया। साहिल को अब सब्जी और फल उगाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके अंतर्गत वह जेल परिसर के खेतों में काम करेगा और उगाई गई सब्जियों का इस्तेमाल जेल में बंद अन्य कैदियों के भोजन में किया जाएगा। इसके बदले उसे प्रतिदिन 50 रुपये की मजदूरी मिलेगी।

10 दिन बाद मिलेगा कार्य

जेल के वरिष्ठ अधीक्षक, वीरेश राज शर्मा ने बताया कि जेल के नियमों के अनुसार किसी भी बंदी को 10 दिन पूरे होने के बाद कार्य सौंपा जाता है। मुस्कान और साहिल 1 अप्रैल से अपने-अपने कार्यों की शुरुआत करेंगे। यह प्रक्रिया जेल सुधार प्रणाली का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य कैदियों को कौशल प्रदान करना और उन्हें व्यस्त रखना है।

जेल में विभिन्न प्रकार के कार्य

जेल में तीन प्रकार के कार्य होते हैं:

  1. स्किल्ड वर्क (प्रशिक्षित कार्य): इसमें वह कार्य आते हैं, जिनमें किसी विशेष कौशल की आवश्यकता होती है, जैसे सिलाई, बढ़ईगिरी, मूर्तिकला आदि।

  2. नॉन-स्किल्ड वर्क (अप्रशिक्षित कार्य): इसमें वह कार्य आते हैं, जिन्हें बिना किसी प्रशिक्षण के किया जा सकता है, जैसे सफाई, खेती आदि।

  3. ट्रेनिंग (प्रशिक्षण कार्य): इसमें कैदियों को नए कौशल सीखने का अवसर मिलता है, ताकि वे भविष्य में आत्मनिर्भर बन सकें।

See also  महिला सशक्तिकरण को समर्पित फैशन शो में काजल अग्रवाल करेंगी कैटवॉक

साहिल को मिलेगा 50 रुपये प्रतिदिन, मुस्कान को नहीं

साहिल को खेती के काम में लगाया गया है, जिसे जेल नियमों के अनुसार ‘नॉन-स्किल्ड वर्क’ माना जाता है। इसके बदले उसे प्रतिदिन 50 रुपये की मजदूरी मिलेगी। अगर वह खेती के काम में असमर्थ रहता है, तो उसे किसी अन्य कार्य में लगाया जाएगा। वहीं, मुस्कान को सिलाई-कढ़ाई में प्रशिक्षण दिया जाएगा, लेकिन चूंकि यह प्रशिक्षण कार्य की श्रेणी में आता है, उसे इसके लिए कोई मजदूरी नहीं मिलेगी। हालांकि, जब मुस्कान सिलाई कार्य में पूरी तरह से दक्ष हो जाएगी, तो उसे वेतन देने की व्यवस्था की जा सकती है।

See also  नेशनल हेराल्ड मामले में आगरा में भाजपा युवा मोर्चा का उग्र प्रदर्शन, राहुल-सोनिया का पुतला फूंका
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement