आगरा के शिरोज़ हैंगआउट कैफे में डॉक्यूमेंट्री ‘द साइंटिस्ट हू रन्स एट नाइट’ की स्क्रीनिंग

Manasvi Chaudhary
3 Min Read
आगरा के शिरोज़ हैंगआउट कैफे में डॉक्यूमेंट्री 'द साइंटिस्ट हू रन्स एट नाइट' की स्क्रीनिंग

आगरा: आगरा के शिरोज़ हैंगआउट कैफे में डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘द साइंटिस्ट हू रन्स एट नाइट’ की विशेष स्क्रीनिंग आयोजित की गई। यह फिल्म पद्मश्री डॉ. सुजय कुमार गुहा के जीवन और उनके क्रांतिकारी आविष्कार RISUG (Reversible Inhibition of Sperm Under Guidance) पर आधारित है।

डॉ. सुजय कुमार गुहा और RISUG

डॉ. सुजय कुमार गुहा ने पुरुषों के लिए एक नई गर्भनिरोधक विधि, RISUG, पर 50 साल से अधिक समय बिताया है। यह एक बार के इंजेक्शन के रूप में लंबी अवधि तक असरदार, पलटने योग्य और बिना किसी बड़े दुष्प्रभाव के होती है। RISUG में वैश्विक गर्भनिरोधक विधियों में क्रांति लाने की क्षमता है।

See also  मथुरा: दो अबोध बच्चों को विषाक्त पदार्थ खिला माँ ने भी खाया जहर, बेटे की मौत

फिल्म का निर्माण और विषय

कनाडाई प्रसारण निगम (CBC) ने ‘द साइंटिस्ट हू रन्स एट नाइट’ नामक फिल्म का निर्माण किया है। यह 40 मिनट की डॉक्यूमेंट्री डॉ. गुहा के संघर्ष, वैज्ञानिक नवाचार के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और उनकी दौड़ने की आदत पर प्रकाश डालती है।

फिल्म में डॉ. गुहा का संघर्ष

फिल्म में डॉ. गुहा के दशकों पुराने संघर्ष को दर्शाया गया है। 500 से अधिक मानवों पर सफल परीक्षण के बावजूद, उन्हें अंतर्राष्ट्रीय फार्मा उद्योग और 30 अरब डॉलर के गर्भनिरोधक बाजार से मुकाबला करना पड़ रहा है। 84 वर्षीय बायोमेडिकल इंजीनियर डॉ. गुहा RISUG परियोजना को अंतिम प्रशासनिक बाधाओं से पार कराने की कोशिश कर रहे हैं।

See also  रामानुजन स्कूल में दमकल विभाग द्वारा आग बुझाने को लेकर मॉक ड्रिल किया गया

फिल्म निर्माता का उद्देश्य

फिल्म निर्माता मिथुन प्रमाणिक कहते हैं, “डॉ. गुहा की कहानी असाधारण दृढ़ संकल्प की है। इस फिल्म के माध्यम से, मैं वैज्ञानिक नवाचार के पीछे की मानवीय भावना और ground-breaking खोजों के प्रयासों में अक्सर नज़रअंदाज किए गए बलिदानों को उजागर करना चाहता था।”

शिरोज़ हैंगआउट से जुड़ाव

मिथुन प्रमाणिक स्टाप एसिड अटैक अभियान और शिरोज़ हैंगआउट से जुड़े हैं। उनका कहना है कि “महिला विषय और जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दों पर बात होनी चाहिए और नए प्रयोगों को समझना चाहिए। बाजार को उन्हें बढ़ावा देना चाहिए।”

स्क्रीनिंग के बाद प्रतिक्रिया

डॉ. आशीष कुमार ने फिल्म स्क्रीनिंग के बाद कहा कि “जब हम सब रिसर्च करते हैं, तो इस तरह के संघर्ष का सामना करना पड़ता है। हम डॉ. गुहा के संघर्ष और प्रयोग को सलाम करते हैं।”

See also  खूंटैल पट्टी में बुलाई महापंचायत, लोगों की नाराजगी देख सत्ता पक्ष के स्थानीय नेता भी हुए सक्रिय

उपस्थित गणमान्य व्यक्ति

डॉक्यूमेंट्री स्क्रीनिंग के दौरान डॉ. एस.के. चंद्रा, डॉ. संजना माहेश्वरी, डॉ. प्रशांत लवानिया, डॉ. रेखा रानी, डॉ. सुरेंद्र पाठक, डॉ. शिव कुमार, डॉ. आशीष कुमार, अनिल शर्मा, कांति नेगी, असलम सलीमी, रामभरत, सत्यम, डॉ. विजय, आशीष, रोमी चौहान, अभिजीत, रुकैया, शबनम और माननी मौजूद थे।

See also  रामानुजन स्कूल में दमकल विभाग द्वारा आग बुझाने को लेकर मॉक ड्रिल किया गया
Share This Article
Leave a comment