गोरखपुर: पंडित भृगु नाथ चतुर्वेदी कॉलेज ऑफ लॉ, बड़हलगंज, गोरखपुर में “नशा मुक्त समाज एवं स्वस्थ भारत” विषय पर एक महत्वपूर्ण संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य समाज को नशे के गंभीर परिणामों से अवगत कराना और एक स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण में इसकी भूमिका पर चर्चा करना था। कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अभिषेक पाण्डेय ने की।
नशा राष्ट्र को अंदर से खोखला करने वाला ‘दीमक’: डॉ. अभिषेक पाण्डेय
अपने अध्यक्षीय संबोधन में डॉ. अभिषेक पाण्डेय ने नशे को राष्ट्र के लिए एक बड़ा खतरा बताया। उन्होंने कहा कि “समाज का प्रतिबिम्ब ही राष्ट्र होता है और एक स्वस्थ समाज ही स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण कर सकता है।” उन्होंने नशे की तुलना एक दीमक से की जो राष्ट्र को अंदर से खोखला कर रहा है। उन्होंने बताया कि किस तरह तम्बाकू, गुटका, शराब, गांजा, चरस और ड्रग्स जैसे पदार्थों का सेवन भारत के युवाओं को नशे की दलदल में फंसा रहा है।
डॉ. पाण्डेय ने यह भी कहा कि कुछ राष्ट्र-विरोधी देश भारत को कमजोर करने के लिए सरकारी तंत्र से छुपाकर ड्रग्स की तस्करी करते हैं। इस कार्य में देश के कुछ गद्दार लोग भी शामिल होते हैं जो चंद रुपयों के लालच में सिंडिकेट बनाकर नशे की खेप को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन पैडलरों द्वारा कमाई गई मोटी रकम का इस्तेमाल देश-विरोधी गतिविधियों में किया जाता है। इसलिए, नशा करने वाले लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शत्रु राष्ट्र की मदद कर रहे हैं। उन्होंने नशा मुक्त समाज की स्थापना को स्वस्थ भारत के निर्माण के लिए सबसे जरूरी बताया।
परिवार और समाज के विघटन का मुख्य कारण नशा: अन्य वक्ताओं के विचार
इस संगोष्ठी में अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार साझा किए:
* मुख्य नियंता चंद्र भूषण तिवारी ने कहा कि एक स्वस्थ भारत के लिए हर नागरिक को नशे से दूर रहना चाहिए, क्योंकि नशा व्यक्ति को पूरी तरह से बर्बाद कर देता है। उन्होंने राज्य के दायित्व पर जोर देते हुए कहा कि सरकार को जन जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को नशे से दूर रखना चाहिए।
* असिस्टेंट प्रोफेसर फखरुद्दीन ने बताया कि नशा मुक्ति की शुरुआत परिवार से होनी चाहिए, क्योंकि छोटे बच्चे बड़ों का अनुसरण करते हैं और नशे के आदी हो जाते हैं।
* असिस्टेंट प्रोफेसर आशीष कुमार गुप्ता ने भारत को युवाओं का देश बताते हुए कहा कि युवाओं को नशे से दूर रखकर ही हम इस अभियान को सफल बना सकते हैं।
* अवनीश कुमार उपाध्याय ने कहा कि नशा परिवार और समाज के विघटन में एक मुख्य कारक के रूप में कार्य कर रहा है, जिससे समाज और राष्ट्र दोनों कमजोर होते हैं।
कार्यक्रम का संचालन अंकुर यादव ने किया। इस संगोष्ठी में श्रुति माथुर, शिवांश तिवारी, दिव्यांशी, सोनी यादव, विनय, अंशिका, अन्नू मौर्या, मीना पाण्डेय और अनामिका चंद्र सहित कई विद्यार्थियों ने भाग लिया।