■ अधिशासी अभियंता विधुत कें साथ मारपीट, मुंह काला करनें एवं शासकीय कार्य में बाधा का था आरोप
■ 31 वर्ष में एक भी गवाह अभियोजन पक्ष नहीँ कर सका पेश
Agra : अधिशासी अभियंता विधुत को बंधक बना मारपीट, मुंह काला करनें ,शासकीय कार्य में बाधा एवं अन्य आरोप में आरोपित वरिष्ठ कॉंग्रेस नेता पूर्व शहर अध्यक्ष राम टन्डन सहित चार अन्य को सबूत कें अभाव में घटना कें 31 वर्ष उपरांत एसीजेएम 4 अजय कुमार नें बरी करनें कें आदेश दिये।
थाना न्यू आगरा में दर्ज मामलें कें अनुसार वादी मुकदमा आर एस गुप्ता अधिशासी अभियंता शहरी विद्युत वितरण खण्ड एवं ओ पी एस तोमर द्वारा संयुक्त रूप से दी तहरीर में आरोप लगाया कि वह 17 जुलाई 1992 को वह परिषदीय कार्यालय पहुंचें । वहाँ पहलें से मौजूद भीड़ विद्युत समस्या कें बाबत एकत्र थी। भीड़ का नेतृत्व कर रहें कांग्रेस नेता राम टन्डन नें उन्हें कार्यालय में जानें से रोक लिया। परिचय देने के बाद भी कांग्रेस नेताओं नें उन्हें जीप से उतार उनकें साथ अभद्रता, मारपीट एवं मुंह काला कर उन्हें विधुत सब स्टेशन में बंधक बना लिया। धक्का मुक्की कें दौरान वादी कें कपड़े भी फट गये। भीड़ में शामिल व्यक्ति द्वारा उन्हें जबरन ज्ञापन भी दिया गया। भीड़ में से किसी नें कहा कि इन्हें कमरें में बंद कर आग लगा दो। आत्म रक्षा हेतु चीखने चिल्लानें पर विधुत कर्मचारियों द्वारा संघर्ष एवं विरोध कर वादी को वहाँ से निकाल उनकीं जान बचाई ।
वादी मुकदमा की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर विवेचना उपरांत कांग्रेस नेता राम टन्डन, योगेश पांडेय, अमर सिंह,राजेन्द्र शर्मा, नागेंद्र शर्मा, मुकेश शर्मा, राम मोहन, अन्नू तिवारी, राज कुमार गोयल, एवं ऋषि शर्मा कें विरुद्ध बल्बा, मारपीट, धमकी ,शासकीय कार्य में बाधा एवं बंधक बनानें कें आरोप में अदालत में आरोप पत्र प्रेषित किया।
उक्त मामलें में कई कॉंग्रेस नेताओं कें अदालत में हाजिर ना होनें पर राम टन्डन, राजकुमारगोयल, अमर सिंह, राजेन्द्र शर्मा, एवं नागेंद्र शर्मा की पत्रावली अन्य अभियुक्तों से पृथक कर दी गयी।
आरोपी नागेंद्र शर्मा की मुकदमें कें विचारण कें दौरान म्रत्यु हो जानें पर अदालत नें उसकें विरुद्ध कार्यवाही समाप्त कर दी गयी।
32 वर्ष पुरानें मामलें में अभियोजन पक्ष कई अवसर प्रदान कें बाबजूद एक भी गवाह अदालत में पेश नहीं कर सका।
एसीजेएम 4 अजय कुमार नें आरोपियों कें वरिष्ठ अधिवक्ता दीपक कुमार शर्मा कें तर्क एवं सबूत कें अभाव में कॉंग्रेस नेता राम टन्डन, राजकुमार गोयल, अमर सिंह, एवं राजेन्द्र शर्मा को बरी करनें कें आदेश दिये।