आगरा: थाना कागारौल में दर्ज घर में घुसकर बल्वा, मारपीट, गाली गलौज और धमकी देने के एक मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट सौम्या पांडेय ने सभी सात आरोपियों को बरी करने का आदेश दिया है। अदालत ने यह फैसला वादी मुकदमा समेत चार गवाहों के अपने बयान से मुकर जाने के बाद साक्ष्य के अभाव में सुनाया।
मामले के अनुसार, वादी मुकदमा श्रीमती पुष्पा देवी ने थाने में तहरीर देकर आरोप लगाया था कि 27 सितंबर 2023 की दोपहर करीब तीन बजे जब वह घर में घरेलू काम कर रही थीं, तभी कोमल सिंह, प्रिंस, राजेन्द्र सिंह, विष्णु कुमार, विजय सिंह, रतिराम और रनवीर सिंह, सभी निवासी नगला जय राम, थाना कागारौल, जिला आगरा, पुरानी रंजिश के चलते लाठी-डंडों से लैस होकर उनके घर में घुस आए। उन्होंने गाली गलौज किया और वादी तथा उनके परिजनों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया। महिला सदस्यों के साथ आरोपियों ने अभद्रता भी की।
अभियोजन पक्ष ने इस मामले में वादी मुकदमा श्रीमती पुष्पा देवी, उनके पुत्र रवि, पुत्रवधू गुड़िया और रानी की गवाही दर्ज कराई। हालांकि, अदालत में सुनवाई के दौरान वादी मुकदमा सहित सभी चारों गवाह अपने पहले दिए गए बयान से मुकर गए। आरोपियों के अधिवक्ता संदीप कुमार यादव के तर्कों और गवाहों के मुकर जाने के कारण साक्ष्य के अभाव में न्यायिक मजिस्ट्रेट सौम्या पांडेय ने सभी सात आरोपियों को बरी करने का आदेश दिया। अदालत ने माना कि जब वादी और अन्य महत्वपूर्ण गवाह ही अपने आरोपों का समर्थन नहीं कर रहे हैं, तो आरोपियों को दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त साक्ष्य मौजूद नहीं हैं।