आगरा: आगरा की विशेष अदालत ने एक दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के आरोपी सौतेले पिता को दोषी पाते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट कुंदन किशोर सिंह ने आरोपी को शेष जीवन तक जेल में रहने की सजा सुनाई, साथ ही ₹25,000 का जुर्माना भी लगाया है। यह मामला सनसनीखेज और दिल दहला देने वाली घटना से जुड़ा हुआ है, जिसमें एक सौतेला पिता अपनी नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म करता रहा।
मामला और घटना का विवरण
यह मामला मई 2021 का है, जब थाना फतेहपुर सीकरी क्षेत्र में एक पीड़िता के भाई ने पुलिस को सूचना दी। पीड़िता के भाई ने आरोप लगाया कि आरोपी, उसका सौतेला पिता, अपनी बेटी के साथ पिछले दो महीनों से दुष्कर्म कर रहा था और उसे धमकी दे रहा था।
28 मई 2021 को, जब वादी (पीड़िता के भाई) बाहर खड़ा था, तभी उसे यह जानकारी मिली कि आरोपी सौतेले पिता ने अपनी नाबालिग बेटी के साथ जघन्य अपराध किया है। इस मामले को लेकर वादी ने तुरंत थाना फतेहपुर सीकरी में तहरीर दी और आरोपी के खिलाफ दुराचार और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया।
पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारी
थाना पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए आरोपी इस्लाम को 30 मई 2021 को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ उचित कानूनी प्रक्रिया शुरू की और 21 दिन के भीतर 19 जून 2021 को आरोप पत्र दाखिल किया।
विशेष अभियोजन की सफलता
इस मामले में अभियोजन पक्ष ने गवाहों, पीड़िता और वादी के बयान पेश किए। विशेष अभियोजन अधिकारी ने मामले में प्रभावी तरीके से पैरवी की, जिससे अदालत ने आरोपी को दोषी ठहराया। इस फैसले के साथ यह संदेश गया कि ऐसे जघन्य अपराधों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों को सजा दिलाई जाएगी।
अदालत का फैसला
अदालत ने आरोपी को दोषी पाते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। विशेष न्यायाधीश ने आरोपी पर ₹25,000 का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने इस निर्णय से यह स्पष्ट किया कि बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों को लेकर अदालत और कानून पूरी तरह से सख्त हैं। पॉक्सो एक्ट के तहत ऐसे अपराधों को गंभीरता से लिया जाता है और दोषियों को कड़ी सजा दी जाती है।
समाज और कानून के लिए एक संदेश
इस फैसले से यह सिद्ध होता है कि बच्चों के खिलाफ किए गए अपराधों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। अदालत ने इस मामले को लेकर यह संदेश दिया है कि ऐसे अपराधों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और इसके खिलाफ कानून पूरी तरह से सक्रिय रहेगा।
यह मामला समाज में एक जागरूकता लाने का काम करेगा कि बच्चों के खिलाफ हो रहे अपराधों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे। बच्चों के अधिकारों और सुरक्षा के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है, और समाज क