आगरा: सोमवार को जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी की अध्यक्षता में पी.सी.पी.एन.डी.टी. एक्ट 1994 के तहत जिला सलाहकार समिति की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में लिंग परीक्षण को अपराध मानते हुए इसके खिलाफ सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए गए।
बैठक में सबसे पहले पिछली बैठक की कार्यवाही पर विचार किया गया, फिर प्यारी बिटिया पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों की समीक्षा की गई। इन आवेदनों में अल्ट्रासाउंड केंद्र के नवीन पंजीकरण, नवीनीकरण, मशीनों के संचालन हेतु डॉक्टरों के पैनल का अपडेट और नई अल्ट्रासाउंड मशीनों के क्रय हेतु आवेदन शामिल थे।
नवीन पंजीकरण पर विचार
बैठक में प्यारी बिटिया पोर्टल पर प्राप्त अल्ट्रासाउंड केंद्रों के नवीन पंजीकरण के 10 प्रकरण प्रस्तुत किए गए। इनमें से 08 प्रकरणों को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में स्वीकृति प्रदान की गई। वहीं, दो प्रकरणों को रिव्यू और मौके पर जांच के बाद अग्रिम कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया। जिलाधिकारी ने इस दौरान सत्यापन प्रक्रिया में अस्पतालों की जिओ टैग फोटोग्राफी कराए जाने की बात भी कही, ताकि सही जानकारी सुनिश्चित की जा सके।
लिंग परीक्षण पर सख्त आदेश
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव को निर्देशित किया कि लिंग परीक्षण किसी भी दशा में नहीं होने पाए, क्योंकि यह अपराध की श्रेणी में आता है। उन्होंने कहा कि जनपद में पंजीकृत और गैर-पंजीकृत दोनों प्रकार के परीक्षण केंद्रों पर सख्त निगरानी रखी जाए और यदि किसी संस्थान से लिंग परीक्षण की सूचना मिलती है, तो उस संस्थान के खिलाफ विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
आगामी कदम और निर्देश
जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिए कि जनपद में कोई भी अस्पताल बेसमेंट में संचालित न हो और पोर्टल पर सभी सूचनाएं समय से अपलोड कराई जाएं।
बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव, प्रमुख अधीक्षक जिला महिला अस्पताल, एसीएमओ व नोडल पीसीपीएनडीटी डॉ. एस.एम. प्रजापति, बाल रोग विशेषज्ञ जिला महिला चिकित्सालय डॉ. आर.के. मिश्रा, जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) बसंत कुमार गुप्ता, दिलीप वर्मा समेत जिला सलाहकार समिति के अन्य सदस्य भी मौजूद रहे।