आज़मगढ़ (उत्तर प्रदेश): छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास और उन्हें उचित मार्गदर्शन प्रदान करने के उद्देश्य से आज, 29 अक्टूबर 2025 को कूबां पीजी कॉलेज, दरियापुर, नेवादा, आज़मगढ़ में एक महत्वपूर्ण उन्नयन संगोष्ठी (Development Seminar) का भव्य आयोजन किया गया।
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर अभिमन्यु यादव जी की अध्यक्षता में आयोजित इस संगोष्ठी ने ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतिभाओं से सीधे संवाद करने का अवसर प्रदान किया।
मुख्य अतिथियों ने बढ़ाया छात्रों का उत्साह

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय, जो वर्तमान में हावर्ड यूनिवर्सिटी, अमेरिका में कार्यरत हैं, उपस्थित रहे। वहीं, विशिष्ट अतिथि के तौर पर डॉ. अभिषेक पाण्डेय, प्राचार्य, पंडित भृगु नाथ चतुर्वेदी कॉलेज ऑफ लॉ, बड़हलगंज, गोरखपुर ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई।
अपने स्वागत संबोधन में, कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर अभिमन्यु यादव ने सभी उपस्थित गणमान्य अतिथियों का गर्मजोशी से स्वागत और अभिवादन किया। उन्होंने ज़ोर दिया कि महाविद्यालय छात्रों के उन्नयन विकास के लिए प्रतिबद्ध है, जिसके तहत निरंतर ऐसे शैक्षणिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
इस अवसर पर, छात्र-छात्राओं ने विभिन्न मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए, जिसने संगोष्ठी में एक उत्साहपूर्ण माहौल बना दिया।
प्रोफेसर अखिलेश पाण्डेय ने बताया साइंस में अवसरों का महत्व

मुख्य अतिथि प्रोफेसर अखिलेश पाण्डेय ने अपने प्रेरक उद्बोधन में विशेष रूप से साइंस (विज्ञान) के विद्यार्थियों पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने बताया कि आज के युग में साइंस के विद्यार्थियों के लिए कौशल विकास (Skill Development) और करियर ग्रोथ में तमाम ऐसे सुनहरे अवसर मौजूद हैं, जिनका लाभ ग्रामीण क्षेत्रों में रहकर भी छात्र-छात्राएं उठा सकते हैं। उन्होंने कहा, “आप अपनी प्रतिभाओं का विकास करके जीवन में बहुत आगे बढ़ सकते हैं, बस सही दिशा में प्रयास करने की ज़रूरत है।”
प्रोफेसर पाण्डेय ने छात्रों के तमाम प्रश्नों का विस्तार से उत्तर दिया, जिससे उन्हें भविष्य की राह चुनने और आगे बढ़ने में सहायता मिली।
डॉ. अभिषेक पाण्डेय: ग्रामीण प्रतिभाओं को उचित मार्गदर्शन की ज़रूरत
विशिष्ट अतिथि डॉ. अभिषेक पाण्डेय ने ग्रामीण प्रतिभाओं की अपार क्षमता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि “गांवों में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है; उन्हें केवल उचित मार्गदर्शन और वातावरण मिलना चाहिए।” उन्होंने प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय जी को इसका साक्षात् उदाहरण बताते हुए कहा कि ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्र भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का गौरव बढ़ाने में अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं।
शिक्षकों ने साझा किए विचार
इस महत्वपूर्ण संगोष्ठी में महाविद्यालय के प्रोफेसर देवेन्द्र प्रताप सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर दिग्विजय सिंह, डॉ. शशिभूषण तिवारी, डॉ. दीपक बर्मा, डॉ. संतोष उपाध्याय, डॉ. विवेक सिंह, डॉ. संगम, श्री सुशील कुमार पाण्डेय, डॉ. सुरेन्द्र पाण्डेय, डॉ. पंकज सिंह, डॉ. यशपाल सिंह, और डॉ. राजन पाण्डेय जी ने भी अपने मूल्यवान विचार छात्रों के साथ साझा किए।
कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. राणा प्रताप सिंह द्वारा किया गया, जिन्होंने पूरी संगोष्ठी को सुचारू रूप से आगे बढ़ाया।
यह संगोष्ठी कूबां पीजी कॉलेज के छात्र-छात्राओं के लिए ज्ञान और प्रेरणा का एक महत्वपूर्ण स्रोत साबित हुई।

