स्वर्ण निर्मित पूर्ण कोठी में विराजमान होकर निकले भगवान रंगनाथ
वृन्दावन। धर्मनगरी श्रीधाम वृन्दावन में दक्षिण भारतीय शैली के श्री रंगनाथ मंदिर में दस दिवसीय श्री ब्रह्मोत्सव मेला बड़े भव्यता के साथ प्रारम्भ हुआ। ब्रह्मोत्सव की शुरुआत गरुड़ स्तंभ पर ध्वजारोहण से हुई। मंदिर के पुरोहित विजय मिश्र के आचार्यत्व में वैदिक मंत्रोचार के मध्य गरुड़ स्तंभ पर ध्वजारोहण किया गया।
वही मंदिर की अनघा श्रीनिवासन ने बताया कि ध्वजारोहण के पश्चात श्री रंग मन्दिर वृन्दावन में श्री ब्रह्मोत्सव मेला के अंतर्गत प्रथम दिवस की प्रातः कालीन सवारी में भगवान श्री गोदारंगमन्नार स्वर्ण रजित पूर्ण कोठी पर विराजमान होकर सभी भक्तों को दर्शन देने निकले।
पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान का सब कुछ दिव्य होता है। उनका विमान भी दिव्य है। उसका विद्युत के समान भास्कर वर्ण माना जाता है, दिब्य देश में इसे स्वर्ण का बनाया गया है। भगवान इस स्वर्ण विमान में बैठकर पधारते हैं। भक्त अपने भगवान के दर्शन कर पूर्ण मनोरथ प्राप्त करते है अतः इसे पूर्ण कोठी कहा जाता है। इस सवारी में बैठे प्रभु के दर्शन मात्र करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते है।