सुल्तान आब्दी
झाँसी उत्तर प्रदेश – बुन्देलखण्ड की लुप्त होती परम्परा से नवयुवकों को रूबरू एवं बुन्देली रीति-रिवाजों को अनुसरण कराने के उद््देश्य से मॉडर्न महाविद्यालय में शरद पूर्णिमा के शुभ अवसर पर टेसू-झिंझिया विवाह कार्यक्रम आयोजित कराया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ फाउण्डर चेयरमेन कैप्टन अरविन्द विश्वनाथन, फाउण्डर चेयरपर्सन श्रीमती शान्ति विश्वनाथन, चेयरमैन डॉ0 रोहिन विश्वनाथन, चेयरपर्सन अंशिता विश्वनाथन, मैनेजिंग डायरेक्टर श्री अपूर्व शुक्ला एवं सचिव रत्ना शुक्ला मैडम ने संयुक्त रूप से गणेश पूजन कर किया। बुन्देलखण्ड अपनी अनोखी परम्पराओं और सांस्कृतिक धरोहर के लिये जाना जाता है। उन्हीं में से एक टेसू-झिंझिया विवाह परम्परा है। बुन्देलखण्ड की लुप्त होती इस परम्परा को सम्बद्व करने के उद्देश्य से मॉडर्न महाविद्यालय में टेसू-झिंझिया विवाह कार्यक्रम सम्पन्न कराया गया। मॉडर्न महाविद्यालय प्राचार्य श्री नरेन्द्र त्रिपाठी के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में सम्पन्न हुये टेसू-झिंझिया विवाह कार्यक्रम में डी0एल0एड0 प्रशिक्षुओं ने टेसू-झिंझिया परम्परा अनुसार विवाह कार्यक्रम का निर्वाहन करके बुन्देलखण्ड की लुप्त होती इस परम्परा को जीवंत कर दिया। डी0एल0एड0 प्रशिक्षु नैन्सी गुर्जर ने टेसू एवं कंचन सिंह ने झिंझिया का प्रतीकात्मक स्वरूप धारण किया। टेसू-झिंझिया विवाह की बारात मॉडर्न महाविद्यालय गेट नं0 03 से ढोल नगाडे, डीजे एवं गाजे बाजे के साथ प्रारम्भ हुयी। बारातियों में प्रशिक्षुओं के साथ मुख्य रूप से मॉडर्न कॉलेज झाँसी प्राचार्य/निदेशक डॉ0 प्रवीण गुप्ता, कमला मॉडर्न नर्सिंग इन्सटीट्यूट प्राचार्य डॉ0 रोबिन जोसफ एवं मॉडर्न कॉलेज आॅफ फार्मेसी प्राचार्य डॉ0 हामिद खाॅन शामिल रहे। सभी बाराती डीजे एवं ढोल की धुन पर थिरक रहे थे। डीजे एवं ढोल की धुन पर लोग थिरकने के लिए उत्साहित हो रहे थे।
इसी उत्साह में संस्था के प्रबंध निदेशक श्री अपूर्व शुक्ला एवं मॉडर्न ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूसंस के प्रबंधक श्री अनिल पाण्डेय अपने आप को थिरकने से रोक नही पाये और बारातियों के साथ डीजे की धुन पर जमकर डांस किया। सभी बाराती डांस करते हुये मस्ती में झूमते हुये एवं आतिशबाजी करते हुये गेट नं0 01 पर पहुँचे जहाँ वधू पक्ष की तरफ से मॉडर्न महाविद्यालय प्राचार्य श्री नरेन्द्र त्रिपाठी एवं मॉडर्न कॉलेज प्राचार्य डॉ0 असद अहमद द्वारा बारात का भव्य स्वागत किया गया। पण्डित जी के द्वारा विधि-विधान से द्वारचार कराया गया उसके बाद सभी बारातियों का स्वागत करते हुये जलपान कराया गया। भव्यता से सजे विवाह भवन हाॅल में मुख्य अतिथि के रूप में प्रबन्ध समिति के सभी सम्मानित पदाधिकारीगण एवं अतिथि के रूप में सभी प्राचार्य सभी शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहे। आशीर्वाद समारोह में प्रबंध समति के सभी पदाधिकारियों, प्राचार्यो, शिक्षको एवं सभी कर्मचारियों ने वर वधु को शुभकामनाएं एवं आशीर्वाद दिया। शुभ विवाह के उपलक्ष में डी0एल0एड0 प्रशिक्षुओं द्वारा बुन्देली सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। जिसमें राजू वंशकार ने गणेश वंदना, बुन्देली गीत गौरा सांची बताओ एवं तुनक तुनक तुक तुन्ना प्रस्तुत किया। पूर्णिमा सिंह ने बुन्देली गीत बने दूल्हा छवि देखो भगवान की गीत गाया। झील खरे ने बुन्देली गीत एक राधा एक मीरा प्रस्तुत किया वहीं स्नेहा वर्मा, श्रुति सिंह एवं स्नेहा वर्मा ने धमाकेदार डांस की प्रस्तुती दी। डी0एल0एड0 प्रशिक्षुओं ने अपने गीतों एवं नृत्यों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। नृत्य की प्रस्तुति देखकर पूरा विवाह स्थल रोमांचित हो उठा। तत्पश्चात् मण्डप में पाणिग्रहण संस्कार कार्यक्रम सम्पन्न हुआ जिसमें बुन्देली परम्परा को दर्शाते हुये बुन्देलखण्ड रीति रिवाज अनुसार चढ़ाव, फेरे, कलेवा, जूता चुराई, एवं बेला आदि की रस्में निभाई गईं। रस्म उपरान्त सभी को विभिन्न प्रकार के पकवानों एवं मिष्ठानों से सुसज्जित प्रीतिभोज कराया गया इसके बाद इसके बाद सभी ने भरपूर उपहार देकर नम आंखों से वधू को विदा किया।
विदाई कार्यक्रम उपरान्त परम्परानुसार टेसू एवं झिंझिया का विसर्जन किया गया। कार्यक्रम को मुख्य रूप से संस्था प्रवक्ता अभिषेक पुरोहित, हर्षवर्धन, हृदयेश विश्वकर्मा, आशीष सोनी, अतुल पटैरिया, निधि श्रीवास्तव, राजकुमार आर्य एवं कार्यालय स्टाॅफ सुनील कुमार रायकवार ने अपना सहयोग प्रदान कर कार्यक्रम को सफल बनाया। कार्यक्रम का संयोजन प्रवक्ता हर्षवर्धन एवं संचालन प्रवक्ता हृदयेश विश्वकर्मा ने किया।