आन्दोलित अधिवक्ताओं ने नहीं होने दी रजिस्ट्री रजिस्ट्री कार्यालय का घेराव कर एसडीएम को सौंपा ज्ञापन सुरक्षा को लेकर पुलिस बल रहा मौजूद

Pradeep Yadav
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अलीगंज,एटा- बार काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश के आहवान पर बार एसोसियेशन अलीगंज आन्दोलित है। बीते दिनों अधिवक्ताओं ने काली पटटी बांधकर विरोध था। मंगलवार को अधिवक्ताओं ने हडताल करते हुए रजिस्ट्री आफिस का घेराव किया तथा कोई भी रजिस्ट्री नहीं होने दी। अधिवक्ताओं ने मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा। बैनामा लेखकों और अधिवक्ताओं के बीच विवाद की स्थिति उत्पन्न न हो इसको देखते हुए पूरे दिन पुलिस बल मौजूद रहा।
एडवोकेट एक्ट संशोधन का अधिवक्ता लगातार विरोध कर रहे है। इसी कडी में अधिवक्ताओं ने मंगलवार को आन्दोलन किया। बार एसोसियेशन अध्यक्ष शेष कुमार तिवारी एवं सचिव प्रमोद सक्सेना के नेतृत्व में अधिवक्ता एकत्रित हुए। अधिवक्ताओं ने रजिस्ट्री आफिस का घेराव कर लिया और मुख्य दरवाजे पर बैठ गए। एसोसियेश के प्रतिनिधि मण्डल ने मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन एसडीएम विपिन कुमार को सौंपा।
ज्ञापन के माध्यम से अधिवक्ताओं ने मांग की अधिवक्ताओं व उनके परिवार के लिए एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट का प्राविधान किया जाए। परिषदों में निर्वाचित सदस्यों के अतिरिक्त कोई समाहित न किए जावे तथा उनके लोकतांत्रिक स्वरूप को यथावत रखा जाएं। उत्तर प्रदेश के अधिवक्ताओं को दस लाख का मेडिक्लेम व किसी अधिवक्ता की मृत्यु होने पर दस लाख की बीमा राशि प्रदान की जावे तथा पंजीकरण के समय प्रत्येक अधिवक्ता से लिए जा रहे पांच सौ रूपए के स्टाम्प की राशि प्रदेशिक परिषदों को वापस की जाए व राज्य सरकार द्वारा विधिक स्टाम्प की बिक्री से प्राप्त धनराशि का दो प्रतिशत अधिवक्ताओं की कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च किया जाए जैसा केरल सरकार द्वारा किया जा रहा है।
इसके अलावा नियम बनाने का अधिकार पूर्व में जो एडवोकेटस एक्ट में प्राविधानिक था उसको उसी प्रकार रखा जाए। केन्द सरकार द्वारा रेगूलेशन बनाने की जो बातें कही गई है उसे तुरन्त समाप्त किया जाए। साथ ही किसी प्रकार के संशोधन की आवश्यकता न होने के कारण हम अधिवक्तागण एडवोकेटस अमेंडमेंट बिल 2025 के पूरे संशोधन को निरस्त करते है। अधिवक्ताओं ने चेतावनी दी है कि एडवोकेटस अमेन्डमेंट बिल को तुरन्त वापस लिया जाए अन्यथा प्रदेश के सभी अधिवक्ता आर-पार की लडाई लडने को मजबूर होंगे।
वहीं बैनामा लेखक संघ के अध्यक्ष राजेश्वर सिंह यादव का कहना है कि डीड राइटर हडताल से अलग है। अधिवक्ताओं की हडताल के कारण लोग रजिस्ट्री करवाने नहीं आए अगर आते तो उनकी रजिस्ट्री की जाती। हडताल को लेकर डीड राइटर भी सुबह इकटठे हुए अपने संगठन की ताकत का अहसास कराया।
इस अवसर पर रामकृष्ण चतुर्वेदी, बृजेश कुमार शाक्य, कृष्णपाल सिंह, सुधीर कुमार शाक्य, स्वदेश चन्द्र मिश्रा, वेदप्रकाश यादव, शैलेन्द्र सिंह चौहान, रामकृष्ण चतुर्वेदी, राकेश चन्द्र दीक्षित, नरेन्द्रपाल सिंह सोलंकी, जयकुमार शाक्य, आनंद कुमार शाक्य, राधेश्याम संत, शिवांग दुबे, अरूण कुमार कश्यप, प्रशान्त सक्सेना, संजय सिंह यादव, अखिलेश ंिसह यादव, राघव सिंह शाक्य सहित आदि अधिवक्ता मौजूद रहे।

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