आगरा। थाना किरावली में पुलिस की बर्बरता का सनसनीखेज मामला सामने आने से पूरे जिले में हड़कंप मच गया। पूछताछ के नाम पर युवक को कथित रूप से थर्ड डिग्री दी गई, जिससे उसके दोनों पैरों की हड्डियां टूट गईं। पीड़ित का आरोप है कि चीखें बाहर न जाएं, इसलिए मुंह में कपड़ा ठूंस दिया गया और डंडों से तब तक पीटा गया, जब तक कई लकड़ी के डंडे टूट नहीं गए। मामला उजागर होते ही उच्चाधिकारियों ने सख्त रुख अपनाया—थानाध्यक्ष सहित एक दरोगा और एक सिपाही निलंबित कर दिए गए, जबकि एसीपी अछनेरा का तबादला कर दिया गया।
जानकारी के अनुसार, थाना क्षेत्र के गांव कराहरा निवासी पूर्व फौजी बनवीर सिंह की करीब छह माह से अधिक समय पहले हत्या हुई थी। परिजनों ने नगदी और आभूषण चोरी का भी आरोप लगाया था। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया, लेकिन लंबे समय तक हत्या का खुलासा नहीं हो सका। इसी दबाव में गांव निवासी सत्यप्रकाश पुत्र राधेश्याम को पूछताछ के नाम पर तीन दिन तक थाने में बैठाए रखा गया।रविवार शाम दरोगा ने सत्यप्रकाश को फोन कर छोटे बेटे को थाने लाने को कहा। शाम करीब पांच बजे सत्यप्रकाश अपने छोटे बेटे राजू उर्फ राजकुमार के साथ थाने पहुंचे। कुछ देर बाद सत्यप्रकाश को घर भेज दिया गया, जबकि राजू को थाने में रोक लिया गया। आरोप है कि इसके बाद राजू के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया और थर्ड डिग्री का इस्तेमाल हुआ, जिससे उसके दोनों पैरों में गंभीर फ्रैक्चर हो गया।पीड़ित युवक ने अस्पताल में भर्ती रहते हुए बताया कि रात के अंधेरे में उसे बेरहमी से पीटा गया। “रहम की भीख मांगता रहा, लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा। जब बेहोश होने लगा और पैरों में सूजन बढ़ी, तब मुझे अस्पताल लाया गया,” पीड़ित का आरोप है। गंभीर हालत के बावजूद परिजनों को सूचना नहीं दी गई। सोमवार को किसी तरह परिजनों को घटना की जानकारी मिली।हालत बिगड़ने पर पुलिस युवक को उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल लेकर गई, जहां भर्ती कराया गया। आरोप है कि मामले को दबाने के प्रयास में अस्पताल में पहरा लगाया गया और परिजनों को युवक से मिलने से रोका गया।सोमवार शाम सहायक पुलिस आयुक्त अतुल शर्मा को प्रकरण की जानकारी मिली। प्रारंभिक जांच में मामला गंभीर पाए जाने पर थाना किरावली के थानाध्यक्ष नीरज कुमार, उप निरीक्षक रंधीर सिंह और सिपाही रवि मालिक को तत्काल निलंबित कर दिया गया। साथ ही एसीपी अछनेरा रामप्रवेश गुप्ता का स्थानांतरण कर दिया गया।पुलिस अधिकारियों ने निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। हालांकि, इस घटना ने एक बार फिर पूछताछ के दौरान मानवाधिकारों के उल्लंघन और पुलिसिया तरीकों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
