टिप-टिप बरसा पानी वार्ड 61 की खराब है कहानी, बदहाली में पड़े वार्ड 61 के मुख्य रोड़ और पुलिया

Dharmender Singh Malik
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इस ओर आखिर कौन देगा ध्यान ? आखिर किसकी है जिम्मेदारी

फैजान खान

आगरा। उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव भले ही कुछ समय के लिए टल गए हो लेकिन हर वार्ड में और हर क्षेत्र में चर्चा तो जोरों पर है। हर संभावित प्रत्याशी अपने स्तर से जनता को लुभाने में लगे हुए है और अपनी जीत के दावे ठोकते हुए नजर भी आते है, तो वही बात की जाए वार्ड नं 61 की पार्षद यह दावा करती है की क्षेत्र में काफी विकास कार्य कराए गए है। लेकिन जब अग्र भारत संवाददाता फैजान खान ने जमीनी स्तर पर उतर के वार्ड 61 की दूर दशा देखी तो जो तस्वीरे सामने आई वह कार्यों की नही बल्कि नालों से निकली गांधी और टूटे फूटे रोड पर भरा पानी और भरे पानी से निकली वार्ड 61 की जनता जो की उसकी तस्वीरे आपके सामने है।

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वार्ड 61 में बह रही विकास की गंगा

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तस्वीरे यह बयां कर रही है कि सर्दी के समय में पानी का आना लाजमी है। सोमवार की सुबह से मूसलधार बारिश से रोड का यह हाल की, की पैदल निकलने में भी लोगो को भरी दिक्कत का सामना करना पढ़ रहा है। अगर बारिश की बात न कर के सिर्फ रोड की ही बात की जाए हो आम नागरिक जो की रोज उस रोड से बाइक,साइकिल और पैदल आते जाते है अगर टूटे फूटे रोड की वजह से कोई हादसा हो जाता है तो जिसकी जिम्मेदारी आखिर किसकी होगी..? अगर घर का कोई मुख्य आदमी जो रोज खाता और कमाता हो वह अपने परिवार के लिए घर से कमाने निकले और रोड की ऐसी दशा की वजह से कोई हादसा अगर उसके साथ हो जाता है तो किसी का कुछ नही जायेगा। जायेगा तो सिर्फ और सिर्फ उस परिवार का जिसका राशन उसकी कमाई से आता है लेकिन पार्षद साहब को इससे कोई लेना देना नही है। वह तो इस व्यवस्था में है की कि ज्यादा से ज्यादा वार्ड में नुक्कड़ सभा कर के प्रचार किया जाए और किस तरह से दुबारा पार्षद की कुर्सी को संभाला जाए।

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वार्ड 61 की टूटी-फूटी पुलिया करती है कुछ बयां

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कुछ इस तरह का हाल पुलिया का भी है जो सालो से बदहाली के चलते पार्षद की अनदेखी के चलते दिन पे दिन उनकी हालत बिगड़ती ही जा रही है। पार्षद साहब क्षेत्रीय जनता क्षेत्र में बदलाव चाहती है। वह अपने सहूलियत का जनप्रतिनिधि को वोट देकर चुनती है। अगर आप उनकी जरूरतों से यू मोड़ लोगे, तो जनता आपसे मुंह मोड़ लेगी…..

अगर 5 साल का हिसाब लिया जाए तो पार्षद जी के पास पूरी लिस्ट बनी हुई है की इन इन गलियों खरंजो में विकास की गंगा बहा दी है, लेकिन ऑफिस से बाहर आकर एक बार क्षेत्र के मुख्य रोड पर निकल कर देख लो क्या हाल है रोड न बनवा पाओ तो सफाई तो हो सकती है।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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