किरावली। गुलामी की जंजीरों में जकड़ी भारत माता को आजाद कराने के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले महान क्रांतिकारी भगत सिंह की 116 वीं जन्मजयंती पर उनका भावपूर्ण स्मरण किया गया।
किरावली के पुरामना स्थित नेमीचंद एजुकेशनल एकेडमी में प्रबंधक भूप सिंह इंदौलिया ने उनके छायाचित्र के समक्ष पुष्प अर्पित कर उनको नमन किया। उन्होंने कहा कि जिस उम्र में नौजवान एक अलग ही दुनिया के सपने देखता है उस उम्र में भगत सिंह ने देश के लिए हंसते-हंसते अपने प्राणों की आहुति दी। ऐसे महान क्रांतिकारी को कभी भुलाया नहीं जा सकता। जिस प्रकार का शहीद भगत सिंह का जीवन रहा है उसे आज के छात्रों को पढ़ना चाहिए।
भगत सिंह का पूरा जीवन ही संघर्षों में बीता, देशभक्ति का जज्बा उनके अंदर कूट कूट कर भरा था। इसके लिए उन्होंने कभी अपने प्राणों की परवाह नहीं की। भारतीय इतिहास में उनका नाम सदैव स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज रहेगा।
इस मौके पर प्रधानाचार्य हरिकांत शर्मा, अखंड प्रताप सिंह, गोविंद सिंह, पारस जैन, मंजू वर्मा, भूपेंद्र सिंह, विष्णु कुमार, प्रभाकर शर्मा आदि थे।