आकाश आनंद को RPI में शामिल होने का ऑफर, केंद्रीय मंत्री अठावले बोले- यूपी में मिलेगी मजबूती

Saurabh Sharma
4 Min Read
आकाश आनंद को RPI में शामिल होने का ऑफर, केंद्रीय मंत्री अठावले बोले- यूपी में मिलेगी मजबूती

उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों खासा हलचल मची हुई है। बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती द्वारा अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी से निष्कासित करने के बाद, अब रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने आकाश आनंद को अपनी पार्टी में शामिल होने का प्रस्ताव दिया है। अठावले ने कहा है कि अगर आकाश आनंद बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के मिशन को आगे बढ़ाना चाहते हैं, तो उन्हें RPI में शामिल होना चाहिए।

मायावती ने आकाश आनंद को पार्टी से निष्कासित किया

मायावती के इस कदम ने राजनीतिक माहौल को और भी गरमा दिया है। उन्होंने आकाश आनंद को पार्टी और आंदोलन के हित में पार्टी से निष्कासित करने का निर्णय लिया। इससे पहले, आकाश को बीएसपी के सभी पदों से हटा दिया गया था। मायावती ने आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ को भी पार्टी से निष्कासित कर दिया था, जिन पर गुटबाजी पैदा करने का आरोप था।

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मायावती ने एक ट्वीट में कहा, “आकाश आनंद को उनके ससुर के प्रभाव में बने रहने के कारण राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर पद समेत सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया। आकाश को इस पर पश्चाताप करना चाहिए था, लेकिन उन्होंने जिस तरह का लंबा जवाब दिया, वह उनकी परिपक्वता और स्वार्थी रवैये को दर्शाता है।”

केंद्रीय मंत्री अठावले का प्रस्ताव

इस बीच, केंद्रीय मंत्री और RPI के प्रमुख रामदास अठावले ने आकाश आनंद को RPI में शामिल होने का ऑफर दिया। उन्होंने कहा, “अगर आकाश आनंद बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के मिशन को आगे बढ़ाना चाहते हैं, तो उन्हें रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया में शामिल होना चाहिए। हमारी पार्टी में उनका स्वागत है, और अगर वे हमारी पार्टी में आते हैं तो उत्तर प्रदेश में RPI को और मजबूती मिलेगी।”

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अठावले ने यह भी स्पष्ट किया कि रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया, जो एनडीए का हिस्सा है, हमेशा सामाजिक न्याय के पक्ष में रही है। वे मोदी सरकार में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के राज्य मंत्री के रूप में कार्यरत हैं।

मायावती के फैसले पर राजनीति तेज

आकाश आनंद को पार्टी से निष्कासित करने के बाद से राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं। कुछ राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि मायावती का यह कदम पार्टी में एक नई दिशा देने का प्रयास है, जबकि कुछ का कहना है कि आकाश आनंद के निष्कासन से BSP की आंतरिक गुटबाजी की समस्या उजागर हुई है।

आकाश आनंद पर आरोप

मायावती ने आकाश आनंद पर आरोप लगाया कि वे अपने ससुर अशोक सिद्धार्थ के प्रभाव में आकर पार्टी के भीतर गुटबाजी फैलाने का प्रयास कर रहे थे। उन्होंने कहा, “आकाश को अपनी जिम्मेदारियों को सही तरीके से निभाना चाहिए था और परिपक्वता दिखानी चाहिए थी। लेकिन उनके जवाब से यह साफ़ हो गया कि वे राजनीतिक दृष्टिकोण से अपरिपक्व हैं।”

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लोकसभा चुनावों में बीएसपी की हार के बाद, मायावती ने आकाश आनंद को फिर से पार्टी में महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया था, लेकिन अब उनका यह कदम आकाश की राजनीतिक भविष्यवाणी को लेकर सवाल खड़े करता है।

आकाश आनंद की राजनीतिक यात्रा में यह नया मोड़ एक महत्वपूर्ण घटना है, और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वे इस प्रस्ताव पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं। क्या वह रामदास अठावले के प्रस्ताव को स्वीकार करेंगे या फिर अपनी स्वतंत्र राजनीतिक राह पर चलेंगे?

आखिरकार, यह घटनाक्रम उत्तर प्रदेश की राजनीति में नए समीकरणों की ओर इशारा करता है, जहाँ राजनीतिक दल और उनके नेताओं के बीच गुटबाजी और बदलाव जारी रहेंगे।

 

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