अनोखा मामला :बच्ची को गोद लेने से रोकने अमित मिश्रा ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

Dharmender Singh Malik
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याचिकाकर्ता बीजेपी के पूर्व विधायक राजेश मिश्रा के हैं भतीजे

बरेली । भाजपा के पूर्व विधायक पप्पू भरतौल उर्फ राजेश मिश्रा के भतीजे अमित मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर गोद लेने की प्रक्रिया को रद्द करने की मांग की है। मामला यह है कि 2019 में शिशु को मिट्टी के बर्तन में लावारिस पाया गया था। उसे चमत्कारिक शिशु का नाम दिया गया था। उसे एक अनाथालय में रखा गया और बाद में माल्टा के एक दंपती ने उसे गोद ले लिया।

दिसंबर 2022 में कुछ दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं ने बरेली में अनाथालय और माल्टा के दंपति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। उन पर गलत धर्मांतरण का आरोप लगाया और आरोप लगाया कि अनाथालय के कर्मचारियों ने बच्ची का विश्वास बदल दिया और उसे नया ईसाई नाम वाला आधार कार्ड बनाकर दिया। इसके बाद दिल्ली उच्च न्यायालय ने यूपी सरकार को अनाथालय के कर्मचारियों को परेशान नहीं करने और प्राथमिकी में अवैध धर्मांतरण कानून के तहत कार्यवाही रोकने का निर्देश दिया। यूपी प्रशासन को बच्ची को गोद लेने की प्रक्रिया या उसके दत्तक माता-पिता के साथ माल्टा की यात्रा में बाधा उत्पन्न नहीं करने का भी आदेश दिया।

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अमित की वकील श्रद्धा सक्सेना ने कहा कि मेरा मुवक्किल विचाराधीन लड़की को गोद लेना चाहता था, लेकिन उसका विवरण सीएआरए की वेबसाइट पर सूचीबद्ध नहीं है। अब तक सुप्रीम कोर्ट ने गोद लेने की प्रक्रिया को बरकरार रखा है और आदेश दिया है कि लड़की उसी स्थान पर रहेगी, जहां वह रह रही थी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (कारा) अपनी वेबसाइट पर बच्चों के बारे में पूरी जानकारी साझा नहीं करता है और यूरोपीय देशों के माता-पिता को विशेष प्राथमिकता दी जाती है।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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