उत्तर प्रदेश,एटा। आमतौर पर पुलिस थानों को जनता की सुरक्षा और न्याय दिलाने के लिए एक खुले विकल्प के तौर पर माना जाता है, जहां कोई भी अपनी शिकायत लेकर आ सकता है। लेकिन जनपद एटा के जैथरा थाना की स्थिति कुछ अलग है। यह उत्तर प्रदेश का इकलौता ऐसा थाना है, जिसके मुख्य प्रवेश द्वार पर हर वक्त ताला लगा रहता है। न सिर्फ फरियादी बल्कि खुद पुलिसकर्मियों और अधिकारियों तक को इसकी असली वजह पता नहीं है।
ताला लगाकर थाना परिसर सुरक्षित ?
यह सवाल हर किसी के जेहन में उठता है कि आखिरकार एक पुलिस थाना, जिसे खुद सबसे सुरक्षित स्थानों में गिना जाता है, वहां मुख्य द्वार पर हर समय ताला लगाने की जरूरत क्यों पड़ी? आमतौर पर थानों के मुख्य द्वार खुले रहते हैं ताकि जनता आसानी से अंदर आ सके और पुलिस की सेवाएं ले सके। लेकिन जैथरा थाना इस मामले में अपवाद है।
स्थानीय लोगों से लेकर थाना परिसर में आने वाले अधिकारियों तक किसी के पास इस रहस्य का सही जवाब नहीं है। कुछ लोगों का मानना है कि यह सुरक्षा कारणों से किया गया होगा, जबकि कुछ इसे प्रशासनिक लापरवाही से जोड़कर देखते हैं।
2018 में हुआ था मुख्य द्वार का उद्घाटन
गौरतलब है कि 28 अगस्त 2018 को इस थाने के मुख्य द्वार का उद्घाटन तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अखिलेश कुमार चौरसिया ने किया था। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से यह द्वार हमेशा बंद रहता है। लोगों को अंदर जाने के लिए वैकल्पिक रास्तों का इस्तेमाल करना पड़ता है, जिससे कभी-कभी असुविधा भी होती है।
असमंजस में स्थानीय लोग
इस अनोखी व्यवस्था को लेकर स्थानीय लोगों के बीच कई तरह की चर्चाएँ होती रहती हैं। कई बार सवाल उठ चुके हैं कि अगर पुलिस खुद को सुरक्षित रखने के लिए इस तरह के इंतजाम कर रही है, तो आम जनता की सुरक्षा की गारंटी कौन लेगा? लेकिन अब तक प्रशासन की ओर से इस विषय पर कोई स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है।
क्या यह सिर्फ परंपरा है या कोई रणनीति?
यह रहस्य अभी भी बरकरार है कि यह व्यवस्था किसी विशेष कारण से अपनाई गई है या फिर यह एक पुरानी परंपरा बन गई है। लेकिन इतना जरूर है कि एटा का जैथरा थाना अपने इस अनोखे नियम के कारण प्रदेश भर में चर्चा का विषय बन गया है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस गुत्थी को सुलझाने के लिए कोई आधिकारिक बयान जारी करता है या यह रहस्य इसी तरह बना रहेगा ?