UP: झांसी के पीपुल्स पब में हंगामा; पार्टी के दौरान मारपीट, पुलिस की निष्क्रियता पर उठे सवाल

Dharmender Singh Malik
4 Min Read
"झांसी के पीपुल्स पब में हंगामा: पार्टी के दौरान मारपीट, पुलिस की निष्क्रियता पर उठे सवाल"

झांसी (सुल्तान आब्दी) झांसी शहर के चित्रा चौराहा स्थित पीपुल्स पब में आयोजित एक पार्टी के दौरान हंगामा और मारपीट की घटना सामने आई है। इस घटना ने न केवल स्थानीय नागरिकों को हैरान किया, बल्कि पुलिस के द्वारा मामले को हल्का लेने पर सवाल भी उठाए जा रहे हैं।

क्या हुआ था पीपुल्स पब में?

घटना के अनुसार, निहाल शाक्य और उसके दोस्त पार्टी मनाने के लिए पीपुल्स पब गए थे। यहां पर वह गलती से किसी अन्य समूह की टेबल पर बैठ गए, जिसके बाद वहां मौजूद दूसरे पक्ष के युवकों और युवतियों ने उन पर गले में हाथ डालने का आरोप लगाया। इस आरोप के बाद दोनों पक्षों के बीच बहस हो गई, जो जल्द ही हिंसक संघर्ष में बदल गई। निहाल शाक्य का कहना है कि दूसरे पक्ष के युवक और पब का स्टाफ ने उन्हें बंधक बना लिया और काफी देर तक मारपीट की।

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पुलिस की निष्क्रियता और बढ़ते सवाल

निहाल शाक्य और उसके दोस्तों का आरोप है कि उन्होंने बार-बार पुलिस को सूचना दी, लेकिन पुलिस ने आधे घंटे बाद मौके पर पहुंचकर कार्रवाई की। पुलिस के आने के बाद भी, हमलावरों ने पुलिस के सामने भी उन्हें पीटा। इस पर निहाल ने जिला अस्पताल में मेडिकल परीक्षण कराया और आरोप लगाया कि उन्हें बुरी तरह से मारा गया।

इसके बाद मामला पुलिस के पास पहुंचा, लेकिन पुलिस ने इसे हल्के ढंग से लेते हुए सिर्फ छोटी धाराएं लगा दीं। निहाल शाक्य ने बताया कि पुलिस ने हमला करने वाले लोगों पर केवल धारा 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना) और धारा 504 (जानबूझकर गाली देना) के तहत मामले दर्ज किए, जो कि कई लोगों का कहना है कि घटना की गंभीरता के हिसाब से बहुत हल्के आरोप हैं।

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पुलिस की कार्रवाई पर सवाल

झांसी में हुई इस घटना को लेकर पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं। कई स्थानीय लोग और सोशल मीडिया यूजर्स यह मानते हैं कि यह घटना किसी गंभीर अपराध से कम नहीं थी, और पुलिस को इसे सही तरीके से हैंडल करना चाहिए था। वहीं, पब के कर्मचारियों और हमलावरों पर कोई कड़ी कार्रवाई न होना, शहर में कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाता है।

क्या है घटना का सही पहलू?

यह घटना शहर में युवाओं के बीच बढ़ते हंगामों की एक मिसाल बन चुकी है। पब जैसी जगहों पर इस तरह के विवादों का होना आम बात बन चुकी है, लेकिन यह सवाल उठता है कि पुलिस और प्रशासन इसे रोकने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं। क्या पुलिस को इस प्रकार की घटनाओं को गंभीरता से लेकर समय पर कार्रवाई नहीं करनी चाहिए थी?

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झांसी में कानून और व्यवस्था पर सवाल

इस घटना ने झांसी में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस की निष्क्रियता और हल्की धाराओं में मामला निपटाना जनता में नाराजगी का कारण बना है। इस तरह की घटनाओं को सख्ती से संभालने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की हिंसा और विवादों से बचा जा सके।

 

 

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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