झाँसी, उत्तर प्रदेश, सुल्तान आब्दी: बुंदेलखंड भीषण गर्मी और बिजली कटौती से त्राहि-त्राहि कर रहा है। इसी के विरोध में झाँसी में ‘बुंदेलखंड बिजली जनआक्रोश आंदोलन’ ने जोर पकड़ा है। “बिजना ले लो, बिजली दे दो” के नारे के साथ शुरू हुए इस धरने में आक्रोशित लोगों ने हाथों में ‘बिजना’ (हाथ का पंखा) लेकर प्रदर्शन किया, जो इस बात का प्रतीक था कि जब बिजली नहीं है तो हवा के लिए उन्हें हाथ से पंखा करना पड़ रहा है।
“हम 21वीं सदी में, सरकार 16वीं सदी में धकेल रही है”
आंदोलन के कोऑर्डिनेटर और संचालक डॉ. सुनील तिवारी ने धरने की शुरुआत करते हुए कहा, “हम इक्कीसवीं सदी में जी रहे हैं और बाइसवीं सदी में जाने के लिए उत्साहित हैं, लेकिन सरकार हमको सोलहवीं सदी के हालातों में चाहती है कि जिंदगी गुजारें।” उन्होंने कहा कि संपूर्ण धरने के दौरान लोग बिजना हिला-हिला कर स्वयं और दूसरों को हवा करते रहे, जो इस भीषण गर्मी में बिजली की किल्लत की भयावह तस्वीर पेश कर रहा था।
“बुंदेलखंड में 3000 मेगावाट बिजली बन रही, फिर भी तरस रहे”
पूर्व केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने कहा कि बिजली हमारी लाइफलाइन है और हम संवैधानिक हक की बात करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बुंदेलखंड में 3000 मेगावाट बिजली बन रही है, लेकिन फिर भी लोग बिजली के लिए तरस रहे हैं। उन्होंने कहा, “सबसे जरूरी बात ये है कि बुंदेलखंड में बिजली की त्राहि-त्राहि मची हुई है। प्रशासन समझने को तैयार नहीं है। झाँसी में तो एक महत्वपूर्ण इकाई मेडिकल कॉलेज है। मेडिकल कॉलेज में दूर-दूर से दुर्घटना में घायल मरीज और बीमार लोग आते हैं, जहाँ वो अपनी जिंदगी और मौत से जूझते हैं। यहाँ बिजली की कितनी अधिक आवश्यकता है ये बात समझने को सरकार तैयार नहीं है।”
आदित्य ने जोर देकर कहा कि बुंदेलखंड में बनने वाली बिजली पहले बुंदेलखंड को दी जाए, उसके बाद बचे तो कहीं और दी जाए। उन्होंने कहा कि लोग एटीएम में सो रहे हैं, बच्चे रातों को तड़प रहे हैं, बुजुर्ग बेहाल हैं। उन्होंने मांग की कि कार्यवाही मुख्य अभियंता के खिलाफ नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के विद्युत मंत्री के खिलाफ होनी चाहिए।
जनप्रतिनिधियों पर फूटा गुस्सा: “स्मार्ट सिटी के नाम पर अरबों खा गए”
धरने के दौरान एनएसयूआई की राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली विश्वविद्यालय की अध्यक्ष राशि साहू, शहर अध्यक्ष मनोज गुप्ता, आप जिलाध्यक्ष अरशद खान, पूर्व जिलाध्यक्ष योगेंद्र सिंह पारीछा, पूर्व शहर अध्यक्ष इम्तियाज हुसैन, आप के शहर अध्यक्ष गयादीन कुशवाहा सहित विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपने ओजस्वी भाषण दिए।
वक्ताओं ने सुचारू बिजली आपूर्ति की मांग दोहराई और कहा कि सांसद और विधायक अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं। सपा के चंद्र प्रकाश मिश्रा ने कटाक्ष किया, “बिजली के बिना कैसी स्मार्ट सिटी है?” वहीं, युथप जैन पिंकी ने कहा कि “कागजों में बिजली चौबीस घंटे दी जा रही है।” आशीष तिवारी ने आरोप लगाया कि सांसद और विधायक बस पत्र लिख कर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर रहे हैं। एड. राजेंद्र शर्मा ने कहा कि बुंदेलखंड जैसी गर्मी कहीं नहीं पड़ती, इसलिए यहां बिजली की ज्यादा जरूरत है।
अधिकारियों को चेतावनी: “बिजली नहीं मिली तो बंगलों पर धरना”
बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता रघुराज शर्मा ने चेतावनी दी कि यदि अब बिजली की सुचारू आपूर्ति नहीं की गई तो अधिकारियों के बंगलों पर उनकी बिजली काटकर धरना दिया जाएगा।
धरने का संचालन डॉ. सुनील तिवारी ने किया और सराफा बाजार के अध्यक्ष मुकेश अग्रवाल ने आभार व्यक्त किया।
धरना स्थल पर मुख्य अभियंता विद्युत, सीओ सिटी और एसएचओ नवाबाद उपस्थित हुए। मुख्य अभियंता ने सभी को आश्वस्त किया कि समस्त बिजली विभाग के अधिकारी और कर्मचारी शासनादेश अनुसार पूरे मनोयोग से विद्युत आपूर्ति करेंगे। इस आश्वासन के बाद पूर्व केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री ने कहा कि मुख्य अभियंता की ओर से आश्वासन दिए जाने के कारण धरने को सर्वसम्मति से एक सप्ताह के लिए स्थगित किया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि विद्युत आपूर्ति व्यवस्था संतोषजनक नहीं हुई तो वे फिर संपूर्ण बुंदेलखंड की बिजली आपूर्ति सुधारने के लिए आंदोलन करेंगे और संघर्ष का रास्ता अपनाएंगे।
इस मौके पर आप जिलाध्यक्ष अरशद खान, पूर्व पार्षद एवं अध्यक्ष सराफा बाजार मुकेश अग्रवाल, अरविन्द बब्लू, सरला भदौरिया, अजय पुरवार, जगमोहन मिश्रा, मोहम्मद आतिफ इमरोज, वैभव बटटा, मेवा लाल भण्डारिया, कमर राजा, अनिल रिछारिया, प्रदीप नाथ झा, चेयरमेन प्रकाश कुश्वाहा, प्रेम सपेरे बाल्मिकी, सचिव बुन्देलखण्ड क्रान्ति दल मो0 नईम, एड दीपक निम, वीरेन्द्र सिंह कुशवाहा, दिनेश वर्मा, सोहन तिवारी, आरिफ कमाल, पार्वती चौधरी, अशोक कंसोरिया, रईस उददीन काजी, राजकुमार फौजी, शफीक अहमद मुन्ना, सीमा कुशवाहा, जिलाध्यक्ष लोकेन्द्र सिंह कुशवाहा, आशु ठाकुर, विनोद कुमार वर्मा, एड दिनेश तिवारी, अमर सिंह, राजू कुचिया, रमेश चन्द्र महर्षि, नरेन्द्र सिंह, रईस अहमद, दशरथ सिंह, संजय यादव, मोहम्मद शाहिद, प्रदीप गुर्जर, राजा यादव, मनोज यादव, हरि ओम श्रीवास, अवधेश यादव, मनीष कुमार, प्रमोद सेठी, अनिल, अवधेश यादव, अनुरूद्व नायक, अमर सिंह, नईम मंसूरी, गुडडू, प्रशान्त वर्मा, महार्षि तिवारी, नौशे खान, आनवी साहू, आशुतोष श्रीवास्तव, प्रथमराज श्रीवास्तव, रउफ मंसूरी, राजेश रानी, राशि साहू, पंकज रावत, हनीफ खान पत्रकार, सुशील कुमार, जीतू राजा, धर्मेन्द्र यादव, कुॅअर सिंह, दिलीप अहिरवार, महेन्द्र प्रताप सिंह परमार, राजेश कुमार पटेल, शाहिद खान, पवन तिवारी, संकल्प अग्रवाल, राकेश सरावगी, देववृत्त जैन, किशोरानन्द, उमाचरण वर्मा, सुरेश नगाइच, सुनील कुमार, महेन्द्र मिश्रा, प्रकाश गुप्ता, संजय खटीक, सालिग राम शर्मा, मोहम्मद शफीक, मोहम्मद अयूब, मान सिंह कुशवाहा, रविकान्त यादव, अनिल कश्यप, कार्तिकेय पटेरिया, सुरेन्द्र कुमार साहू, अशोक तिवारी, समीर खान, हमीद, रम्मू कनकने, राम सेवक सोनिया, राजपाल सिंह बुन्देला, जीतू वर्मा, सायमा नोमान, फिरोज खान, हरीश लाला, मज़हर अली और अनेकों बिजली पीडित उपस्थित रहे।