उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद के पास हुए ताजा दंगों की जांच में एक बड़ी सनसनीखेज जानकारी सामने आई है। दंगों के दौरान हुई हिंसा और दो लोगों की हत्या के आरोपी मुला अफरोज का नाम अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़ता दिख रहा है। पुलिस के मुताबिक, मुला अफरोज शारिक साटा गैंग का सदस्य है और यह गैंग दाऊद इब्राहिम के लिए काम करता है।
पाकिस्तानी कनेक्शन की पुष्टि
संभल दंगे के दौरान पुलिस ने जब सर्वे किया, तो जामा मस्जिद से पाकिस्तानी कारतूस के खोखे मिले थे। इससे यह साफ हो गया था कि दंगे के पीछे पाकिस्तान का हाथ था। हालांकि, तब यह स्पष्ट नहीं हो पाया था कि दंगे का मास्टरमाइंड कौन है। अब मुला अफरोज की गिरफ्तारी के बाद यह रहस्य भी उजागर हो गया है। पुलिस का कहना है कि मुला अफरोज ने ही दंगे के दौरान पाकिस्तान से आए गोलियों का इस्तेमाल किया था।
संभल के एएसपी श्रीश चंद्र के मुताबिक, दंगे में चार लोगों की मौत हुई थी, जिनमें से दो की हत्या मुला अफरोज ने की थी। यह जानकारी पुलिस जांच में सामने आई है, जिससे इस घटना के साजिशकर्ता और उसके लिंक का पता चला है।
शारिक साटा गैंग और दाऊद इब्राहिम का कनेक्शन
पुलिस के अनुसार, शारिक साटा गैंग दाऊद इब्राहिम के लिए काम करता है और संभल दंगे की साजिश भी दाऊद के इशारे पर रची गई थी। शारिक साटा पहले उत्तर भारत में ऑटोलिफ्टर गैंग का संचालन करता था, लेकिन पुलिस की घेराबंदी के कारण वह दुबई भाग गया था। जांच के दौरान यह भी पता चला कि शारिक साटा पाकिस्तान से बुलेट्स और हथियार की सप्लाई करता है, और उसी के भेजे गए कारतूस संभल दंगे में इस्तेमाल किए गए थे।
मुला अफरोज की गिरफ्तारी और पुलिस की कार्रवाई
मुला अफरोज की गिरफ्तारी के बाद पुलिस अब शारिक साटा के अन्य गुर्गों की पहचान करने में जुटी है। पुलिस के अनुसार, शारिक साटा गैंग की गतिविधियों में कुछ लोग संभल जिले के दीपा सराय और नखासा इलाके में भी सक्रिय हैं, जो पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों ISI और अलकायदा से जुड़े हुए हैं। इन लोगों के जरिए शारिक ने दंगे के लिए हथियार और फंड का प्रबंध किया था।
शारिक साटा: एक कुख्यात अपराधी
शारिक साटा, जो कि मूल रूप से संभल के दीपा सराय का निवासी है, इस समय दुबई में छिपा हुआ है। पुलिस के अनुसार, शारिक साटा पर यूपी सहित देश के विभिन्न राज्यों में 50 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। वह कई राज्यों की पुलिस के लिए मोस्ट वांटेड अपराधी है। 2020 में वह फर्जी पासपोर्ट बनवाकर दुबई भाग गया था, और इससे पहले दिल्ली में तिहाड़ जेल में बंद था।
संभल पुलिस अब इस मामले में विस्तृत जांच कर रही है और यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि शारिक साटा और उसके गैंग के अन्य सदस्य किस तरह से इस हिंसा में शामिल थे। पुलिस का कहना है कि इस जांच के बाद दंगे की असली साजिशकर्ता नेटवर्क का भी खुलासा होगा और संभल में शांति कायम रखने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
संभल के जामा मस्जिद में भड़के दंगे अब एक बड़े अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी कनेक्शन से जुड़ते नजर आ रहे हैं। दाऊद इब्राहिम के गैंग और पाकिस्तान से आए हथियारों का इस हिंसा में इस्तेमाल दंगों की गंभीरता को और बढ़ा देता है। पुलिस इस मामले की गहरी जांच कर रही है और उम्मीद है कि जल्द ही इस घटनाक्रम में और भी बड़े खुलासे होंगे।