बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में एक सनसनीखेज हनीट्रैप का मामला सामने आया है। एक ऐसा गिरोह पकड़ा गया है जो लोगों को झूठे बलात्कार के मामलों में फंसाकर उनसे मोटी रकम वसूलता था। इस गैंग का सरगना कोई और नहीं बल्कि लोक निर्माण विभाग (PWD) का एक कर्मचारी निकला। पुलिस ने इस मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया है।
चौंकाने वाली बात यह है कि इस गोरखधंधे में चार महिलाएं भी शामिल थीं। यह गिरोह अच्छे और संभ्रांत परिवारों के लोगों को अपने जाल में फंसाकर उन्हें ब्लैकमेल करता था। पुलिस ने आरोपियों के मोबाइल फोन से कई ऑडियो क्लिप बरामद की हैं, जिनमें ब्लैकमेलिंग की साजिश और बातचीत रिकॉर्ड है।
झूठे केस दर्ज कर ब्लैकमेल करते थे आरोपी
पुलिस ने इस गिरोह के छह सदस्यों के खिलाफ कोतवाली में गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। गिरफ्तार किए गए PWD के चपरासी निरंजन के साथ ही इस गैंग में शामिल चंद्रकली, हीराकली, नन्ही देवी और वैशाली नाम की महिलाओं को भी आरोपी बनाया गया है। यह शातिर गैंग लोगों को झूठे रेप के मामलों में फंसाकर उनसे लाखों रुपये ऐंठता था। जो लोग पैसे देने से इनकार करते थे, उनके खिलाफ यह गैंग कोर्ट के माध्यम से केस दर्ज करवा देता था।
इस गैंग का modus operandi भी बेहद शातिर था। यह लोग सोशल मीडिया पर दोस्ती करते थे और फिर रईसजादों को अपने प्रेम जाल में फंसाते थे। इसके बाद उनके अश्लील वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करते थे और मोटी रकम की मांग करते थे। जो व्यक्ति पैसे देने में आनाकानी करता था या मना कर देता था, उसके खिलाफ गैंग में शामिल महिलाएं बलात्कार और छेड़खानी जैसे गंभीर आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज करा देती थीं।
तीन मामले पकड़े गए तब हुआ गैंग का खुलासा
फतेहगंज पूर्वी निवासी सुधांशु अग्रवाल उर्फ गोलू ने इस गैंग के कारनामों का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि 8 जनवरी 2025 को चंद्रकली नाम की एक महिला ने उनके खिलाफ झूठा रेप केस दर्ज कराया था। हालांकि, पुलिस की गहन जांच में यह सामने आया कि जिस वक्त की घटना बताई गई थी, उस समय सुधांशु सीबीगंज में एक दुकान पर मौजूद थे। आखिरकार यह मामला फर्जी निकला और पुलिस ने मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगा दी।
इसी तरह, नन्ही देवी नाम की एक अन्य महिला ने टीकाराम मौर्य के खिलाफ भी रेप का केस दर्ज कराया था, लेकिन जांच में उसने खुद स्वीकार किया कि वह चंद्रकली के घर रात बिताने जा रही थी। एक और मामला शांति विहार निवासी हीराकाली द्वारा अख्तर हुसैन रिजवी पर दर्ज कराया गया था। इन तीनों ही मामलों के पीड़ितों ने पुलिस को दावा किया था कि इन सबके पीछे एक संगठित गैंग काम कर रहा है।
पुलिस को गिरफ्तार चपरासी निरंजन के मोबाइल से कई महत्वपूर्ण ऑडियो क्लिप मिली हैं। इन क्लिप में वह महिलाओं के साथ मिलकर लोगों को फंसाने और उनसे पैसे वसूलने की विस्तृत योजना बनाता हुआ सुना गया है। पुलिस अब इन ऑडियो क्लिप की गहनता से जांच कर रही है और बाकी फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है। इस घटना ने बरेली में सनसनी फैला दी है और पुलिस इस गैंग के पूरे नेटवर्क को खंगालने में जुटी है।