जिलाधिकारी को पत्र लिखकर कानूनगो के खिलाफ जांच करने और सेवानिवृत्ति से पूर्व के भुगतानों पर रोक लगाने की मांग
UP News: किरावली। तहसील मुख्यालयों पर तैनात लेखपालों और कानूनगो के कारनामे थमने का नाम नहीं ले रहे। हाल ही में सदर तहसील क्षेत्र अंतर्गत गांव मिढ़ाकुर पर तैनात लेखपाल द्वारा की गई अवैध वसूली का प्रकरण ठंडा भी नहीं पड़ा था। कि दूसरी तहसील में तैनात कानूनगो के खिलाफ सत्ताधारी पार्टी के विधायक ने खुलकर मोर्चा खोल दिया है।
बताया गया है कि फतेहपुर सीकरी विधानसभा क्षेत्र के विधायक चौधरी बाबूलाल ने किरावली तहसील में वर्षों से तैनात कानूनगो सुरेश यादव के खिलाफ कार्रवाई हेतु जिलाधिकारी को कड़ा पत्र लिखा है। जिसके बाद प्रशासनिक महकमे में खलबली मच गई है। अछनेरा के अरब सिंह वर्मा एवं सुरेश कुमार वर्मा समेत अन्य ग्रामीणों द्वारा भाजपा विधायक से कानूनगो द्वारा किए जा रहे अनैतिक कार्यों पर कार्रवाई हेतु मांग की गई थी। जिसके बाद विधायक द्वारा कड़े तेवर अपना लिए गए हैं।
विधायक के मुताबिक कानूनगो द्वारा अछनेरा में स्थित राष्ट्रीय हेयर सेकेंडरी विद्यालय की कूटरचित जांच आख्या तैयार करते हुए भूमाफियाओं से सांठगांठ करके उस पर अवैध कब्जा कराते हुए न्यायिक गरिमा से खिलवाड़ किया गया है। कानूनगो सुरेश यादव का यह कोई पहला कारनामा नहीं है। नर सिंह महाराज मंदिर, गाटा संख्या 570 खेल मैदान की जमीन पर भी फर्जी जांच आख्या लगाकर भूमाफियाओं को कब्जा कराया गया। पीपीपी मॉडल स्लॉटर हाउस की फर्जी दूरी दर्शाते हुए रिपोर्ट लगाकर न्यायालय को गुमराह किया गया, जिसके बाद स्लॉटर हाउस संचालकों को अनुचित लाभ प्रदान किया गया।
कानूनगो द्वारा लगातार अपने पद का दुरूपयोग करते हुए शासन प्रशासन की छवि को धूमिल किया गया है। विधायक ने जिलाधिकारी से कानूनगो के खिलाफ उच्चस्तरीय जांच कमेटी बनाकर उसके द्वारा अर्जित की गई संपत्तियों की जांच करने, आगामी 31 दिसंबर को उसकी होने वाली सेवानिवृत्ति से पूर्व उसके समस्त भुगतानों पर रोक लगाने और भूमाफियाओं के कब्जे में पहुंची सरकारी जमीनों को मुक्त करवाने की मांग की गई है। विधायक चौधरी बाबूलाल ने कहा कि जनहित से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रदेश सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीतो टॉलरेंस नीति का पालन सुनिश्चित किया जाएगा।
मलपुरा क्षेत्र में तैनात लेखपाल पर भी लगे थे गंभीर आरोप
बताया जाता है कि मलपुरा क्षेत्र में तैनात एक लेखपाल भी लगातार चर्चाओं में बना हुआ है। स्थानीय प्रधानों ने उसके खिलाफ लामबंद होकर जनप्रतिनिधि से शिकायत की थी। जिसके बाद जनप्रतिनिधि द्वारा जिलाधिकारी से उसके खिलाफ कार्रवाई हेतु पत्र लिखा गया था।