जैथरा,एटा। जनपद में एक छोटे से कस्बे जैथरा के एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले सचिन ने देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा, यूपीएससी सिविल सेवा 2024 में 612वीं रैंक हासिल कर जनपद का नाम रोशन कर दिया है। सचिन की इस उपलब्धि से न सिर्फ उनके परिवार में खुशी की लहर है, बल्कि पूरे क्षेत्र में जश्न का माहौल है।
वर्तमान में सचिन एक मल्टीनेशनल कंपनी में चार्टर्ड अकाउंटेंट के रूप में कार्यरत हैं, लेकिन उनका सपना हमेशा से देश सेवा का रहा। इसी जुनून और दृढ़ निश्चय के चलते उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा दी और मजबूत इरादों के बल पर सफलता प्राप्त की।
सचिन की सफलता की खबर जैसे ही गांव और कस्बे में फैली, बधाइयों का तांता लग गया। परिजन, रिश्तेदार, ग्रामीण और शुभचिंतक घर पहुंचकर मिठाइयां बांट रहे हैं और उनकी मेहनत को सलाम कर रहे हैं। गांव के बुजुर्गों से लेकर युवाओं तक सभी गर्व महसूस कर रहे हैं कि उनके बीच का एक बेटा आज देश की सेवा के लिए चुना गया है।
सचिन ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता के आशीर्वाद, कड़ी मेहनत और गुरुजनों के मार्गदर्शन को दिया है। उन्होंने कहा, अगर लक्ष्य स्पष्ट हो और मेहनत ईमानदारी से की जाए तो कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है।
गुदड़ी के लाल ने किया कमाल
कस्बा जैथरा के छोटे से गांव सहादत नगर की मिट्टी में पले-बढ़े सचिन ने अपने हौसले और परिश्रम से वह कर दिखाया जो बड़े-बड़े शहरों के युवा भी सोचते रह जाते हैं। सचिन ने न सिर्फ अपने गांव और कस्बे का नाम रोशन किया है, बल्कि यह भी साबित कर दिया है कि प्रतिभा संसाधनों की मोहताज नहीं होती।
जहां एक ओर सहादत नगर जैसे छोटे गांवों में आज भी शिक्षा की पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं, वहीं सचिन ने उन्हीं सीमाओं के बीच से निकलकर देश की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता हासिल की। उनके पिता अशोक कुमार जैथरा कस्बे में दर्जी का कार्य करते हैं और परिवार की आमदनी सीमित रही है, लेकिन इस आर्थिक कठिनाई ने सचिन की उड़ान में कभी रुकावट नहीं बनने दी।
उनकी सफलता ने गांव के बच्चों और युवाओं के लिए एक नई उम्मीद जगाई है। अब सहादत नगर सिर्फ एक छोटा सा गांव नहीं, बल्कि उस जज़्बे की मिसाल बन गया है जो सीमाओं को नहीं मानता।