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मखदूम में बकरी प्रबंधन एवं कृत्रिम गर्भाधान तकनीक पर प्रशिक्षण संपन्न, बिहार के पशु चिकित्सकों ने लिया लाभ

Komal Solanki
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मथुरा: भा.कृ.अनु.प.- केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (CIRG), मखदूम (मथुरा) में बकरियों के उन्नत प्रबंधन और कृत्रिम गर्भाधान तकनीक पर आधारित पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आज, दिनांक 09 मई, 2025 को सफलतापूर्वक समापन हो गया। इस विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम में बिहार राज्य के विभिन्न जिलों से आए कुल 20 पशु चिकित्सा अधिकारियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया, जिनमें 18 पुरुष और 2 महिला अधिकारी शामिल थीं।

कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन संस्थान के निदेशक डॉ. मनीष कुमार चेटली द्वारा किया गया। उन्होंने प्रतिभागियों को संस्थान में चल रही विभिन्न वैज्ञानिक अनुसंधान गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इसके साथ ही, डॉ. चेटली ने बकरियों में कृत्रिम गर्भाधान तकनीक के माध्यम से नस्ल सुधार के महत्व पर विशेष जोर दिया। यह पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, पटना, बिहार द्वारा प्रायोजित किया गया था और इसका आयोजन 05 मई से 09 मई, 2025 तक संस्थान में किया गया।

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प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. रवि रंजन, प्रधान वैज्ञानिक, ने प्रतिभागियों को प्रशिक्षण की विस्तृत रूपरेखा और कार्यक्रम के दौरान आयोजित की गई प्रमुख गतिविधियों से अवगत कराया। इस अवसर पर संस्थान के पशु स्वास्थ्य विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एस. पी. सिंह और डॉ. वाई. के. सोनी भी गरिमामयी उपस्थिति में रहे, जिन्होंने अपने विशेषज्ञतापूर्ण विचारों से प्रतिभागियों को लाभान्वित किया।

समापन समारोह का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. वाई. के. सोनी द्वारा किया गया। प्रशिक्षण के समापन पर, सभी प्रतिभागियों ने इस ज्ञानवर्धक कार्यक्रम की मुक्त कंठ से सराहना की। उन्होंने विशेष रूप से इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि उन्होंने यहां से जो भी ज्ञान और तकनीकी कौशल अर्जित किया है, उसका उपयोग वे बिहार राज्य में बकरियों की नस्ल सुधार की दिशा में प्रभावी रूप से करेंगे। यह प्रशिक्षण निश्चित रूप से बिहार में बकरी पालन को आधुनिक तकनीकों से जोड़ने और पशुधन विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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