आगरा। बेसिक शिक्षा विभाग आगरा में चल रही तमाम उठापटक के बीच विभाग का एक उच्चाधिकारी अपने भ्रष्ट कारनामे की वजह से आज शाम रंगे हाथों पकड़ा गया।
बताया जाता रहा है कि अजय चौधरी नाम के शिक्षक की नौकरी से संबंधित जांच विभाग में चल रही थी। जिसकी जांच संयुक्त शिक्षा निदेशक डॉ आरपी शर्मा के पास थी।
सूत्रों के अनुसार, संयुक्त शिक्षा निदेशक द्वारा उसको जमकर डराया धमकाया जा रहा था। उसको नौकरी समाप्त करने की धमकी मिल रही थी। जिसके बाद शिक्षक ने विजिलेंस में सूचना दी। विजिलेंस ने शिकायत पर अपना जाल बिछा दिया। आज शाम लगभग 5-6 बजे शिक्षक रिश्वत की ₹3 लाख की रकम विजिलेंस की निगरानी में संयुक्त शिक्षा निदेशक को देने पहुंचा। जैसे ही संयुक्त शिक्षा निदेशक ने रिश्वत की रकम हाथ में ली, तुरंत विजिलेंस टीम ने संयुक्त शिक्षा निदेशक को गिरफ्तार कर किया। उसकी गिरफ्तारी की। सूचना विभाग में आग की तरह फैल गई। उसकी शरण में पल रहे गुर्गों की हवा भी खराब हो गई। गिरफ्तारी के बाद संयुक्त शिक्षा निदेशक को विजिलेंस टीम अपने साथ ले गई।
विभाग के भ्रष्ट बाबू और अधिकारी भी रडार पर
सूत्रों के अनुसार, वर्तमान में विभाग का माहौल बहुत ज्यादा खराब हो चुका है। विभाग के अधिकारियों से लेकर बाबुओं के खिलाफ भ्रष्टाचार की गंभीर शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं। इनकी निगरानी और इन पर कार्रवाई का जिम्मा संयुक्त शिक्षा निदेशक कर ही था। उनके द्वारा आज तक कोई भी कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई, जिसका फायदा अधीनस्थों ने जमकर उठाया। एक विवादित बाबू का प्रकरण इन दिनों चर्चित बना हुआ है। जेल जाने के बाद बहाल हुआ, मुख्यालय कर अटैच होकर जमकर मौज काटी।