विश्वविख्यात पिपलांत्री मॉडल से होगा गांव बरौदा सदर का विकास, युवा प्रधान श्रीओम सोलंकी ने जानी पिपलांत्री की कार्यपद्धति

Dharmender Singh Malik
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मनीष अग्रवाल

आगरा (किरावली) । राजस्थान प्रदेश के अंतर्गत राजसमंद जिला संगमरमर की खदानों के लिए मशहूर है। यहां की खदानों का संगमरमर पूरे देश से लेकर विदेशों तक निर्यात होता है। तस्वीर का दूसरा पहलू यह भी है कि विगत में राजसमंद के ग्रामीण इलाकों के अंदर इन खदानों की वजह से नारकीय स्थिति पैदा हो गयी थी। जलस्तर रसातल में पहुंच चुका था। चारों तरफ प्रदूषणयुक्त धूल के गुबार ही दिखते थे।

आपको बता दें कि राजसमंद का ही एक गांव है पिपलांत्री, आज से दो दशक पहले इस गांव की स्थिति बेहद ही नारकीय थी। पूरे गांव में सिर्फ संगमरमर की खदानों के गहरे गड्ढे ही दिखते थे। रोजगार की स्थिति नगण्य हो चुकी थी। पेयजल से लेकर अन्य मूलभूत सुविधाओं का अभाव हो चुका था। बताया जाता है कि इस गांव की 2005 में श्यामसुंदर पालीवाल ने सरपंच पद पर कमान संभाली। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। नतीजा आज पूरी दुनिया के सामने है। पिपलांत्री गांव की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और विकास के मॉडल का अध्ययन करने पूरी दुनिया से वैज्ञानिक यहां आते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर राहुल गांधी और अमिताभ बच्चन तक श्यामसुंदर पालीवाल के जज्बे की सराहना करते हैं। कौन बनेगा करोड़पति की हॉटशीट पर बैठकर पालीवाल अपने गांव की विकासगाथा सुना चुके हैं।

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श्रीओम सोलंकी ने गांव के विकास कार्यों का किया गहन अध्ययन

आपको बता दें कि जनपद के आगरा ब्लॉक के अंतर्गत ब्लॉक अकोला के ग्राम पंचायत बरौदा सदर के युवा प्रधान श्रीओम सोलंकी के नाम जनपद के सबसे युवा प्रधान की उपलब्धि दर्ज है। अपनी युवा सोच के बलबूते श्रीओम अनवरत रूप से गांव का कलेवर बदलने में जुटे हैं। इसी श्रृंखला में गांव का सुनियोनित विकास करने हेतु पिपलांत्री गांव का दौरा किया। इस दौरान श्रीओम सोलंकी ने पूरे पिपलांत्री गांव का सघन भ्रमण किया। गांव का सघन वृक्षारोपण, एलोवेरा की खेती, खेतों की सिंचाई के लिए बनाए गए चैकडेम आदि को बारीकी से देखा। पिपलांत्री गांव का विकास कार्य देखकर श्रीओम बेहद प्रभावित हुए। उन्होंने श्यामसुंदर पालीवाल से इसकी पूरी प्रक्रिया जानी। गांव के लोगों की रोजगार की स्थिति की भी जानकारी ली।

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पिपलांत्री मॉडल से होगा सुनियोजित विकास

पिपलांत्री दौरे से बेहद उत्साहित श्रीओम सोलंकी ने बताया कि पूरी देश दुनिया के लिए पिपलांत्री बेहद ही अनूठा गांव है। श्यामसुंदर पालीवाल ने अपनी मजबूत जिजीविषा के बलबूते गांव का कायाकल्प कर दिया। आज पिपलांत्री गांव के वाशिंदों को रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना पड़ता। गांव में संचालित किरण निधि योजना के तहत प्रत्येक बेटी के जन्म पर 111 पेड़ लगाए जाते हैं। उसके खाते में 21 हजार रुपये भी जमा कराए जाते हैं। बेटी के 20 साल की होने पर उन जमा रुपयों और पेड़ों को बेचकर धूमधाम से शादी की जाती है। श्रीओम सोलंकी ने कहा कि पिपलांत्री मॉडल को अपने बरौदा सदर में अपनाया जाएगा। श्यामसुंदर पालीवाल को बरौदा सदर आने के लिए आमंत्रित किया है, उन्होंने निमंत्रण स्वीकार करते ही शीघ्र ही आने का वादा किया है।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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