जान जोखिम में डालकर हाइवे पार कर रहे ग्रामीण

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रुनकता में कभी भी हो सकता है गंभीर हादसा

आगरा /किरावली। आगरा से दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित रुनकता कस्बा पर कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। पुलिस चौकी के ठीक सामने हाइवे की रेलिंग में घुसकर हाइवे को पार करते ग्रामीणों को साफ देखा जा सकता है।
बताया जाता है कि पनवारी मोड़ स्थित हीरालाल की प्याऊ से लेकर कीठम झील मार्ग टीके रुनकता गांव का दायरा फैला हुआ है। हाइवे के दोनों तरफ आबादी का बहुत बड़ा घनत्व है। पुलिस चौकी के बगल में और सामने हाइवे की दूसरी तरफ आबादी का दबाव ज्यादा रहता है। आपको बता दें कि हाइवे प्रबंधन द्वारा हाइवे के बीच में लगी रेलिंग को बंद कर दिया गया है। इसके बावजूद स्थानीय लोगों द्वारा गुपचुप तरीके से रेलिंग को खोल दिया जाता है। इसके बाद शुरू होता है अपनी जान जोखिम में डालकर हाइवे पार करने का खेल। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हाइवे पार करने वाले ग्रामीणों को अपनी मौत का तनिक भी भय नहीं है। बच्चों से लेकर युवा और बुजुर्ग भी बेधड़क तरीके से हाइवे को पार करने के लिए रेलिंगों के बीच से होकर गुजरते हैं। मौके पर हालात बेहद ही भयावह हो जाते हैं, पल पल मौत का साया रहता है। हाइवे के दोनों तरफ तेज गति से आ रहे वाहनों का दवाब रहता है। इसके बावजूद ग्रामीणों द्वारा इसका संज्ञान नहीं लिया जा रहा।

*हाइवे पर बने पाथवे का ग्रामीण नहीं करते प्रयोग*

बताया जाता है कि पुलिस चौकी के सामने से ग्रामीण हाइवे को पार करते हैं, उसी पुलिस चौकी से महज सौ मीटर दूरी पर हाइवे के ऊपर पाथवे बना है। इस पाथवे से हाइवे के दोनों तरफ आसानी से आ और जाया जा सकता है। इसके बावजूद स्थानीय ग्रामीण इन पाथवे का प्रयोग नहीं करते। स्थानीय पुलिस भी ग्रामीणों को अवैध रूप से हाइवे पार करने से रोकने की जहमत नहीं उठाती। उल्लेखनीय है कि इस मामले में स्थानीय ग्रामीणों को भी खुद समझदारी दिखानी होगी। जरा सी लापरवाही गंभीर हादसे का सबब बन सकती है। क्योंकि हाइवे पार करने के लिए ग्रामीणों द्वारा रेलिंग में घुसने के लिए खींचतान होती रहती है।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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