आगरा, उत्तर प्रदेश: आगरा जिले के किरावली तहसील क्षेत्र अंतर्गत अछनेरा ब्लॉक के बसेया राजपूत गांव में चकबंदी प्रक्रिया को लेकर ग्रामीणों ने बुधवार को जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। प्राथमिक विद्यालय परिसर में आयोजित एक बैठक में बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्र हुए और चकबंदी प्रक्रिया को निरस्त किए जाने की मांग की। ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए, राजस्व और चकबंदी विभाग के अधिकारियों को गांव से बैरंग लौटना पड़ा।
जबरन प्रक्रिया और पुरानी खामियों का आरोप
बैठक का नेतृत्व ग्रामीण धर्मदेव एवं रमेशचंद ने किया। उपस्थित ग्रामीणों ने बताया कि करीब एक वर्ष पूर्व भी चकबंदी के खिलाफ विरोध जताया गया था, जिसमें जांच समिति को कई खामियां मिली थीं। इस संबंध में उपजिलाधिकारी किरावली को पूर्व में शिकायत भी दी जा चुकी है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बुधवार को जब चकबंदी विभाग से रवि प्रकाश और राजस्व विभाग के कर्मचारी गांव पहुंचे और ग्रामीणों से पक्ष-विपक्ष में हस्ताक्षर कराने लगे, तो लोगों में भारी रोष उत्पन्न हो गया। ग्रामीणों का स्पष्ट कहना था कि बिना उनकी सहमति के जबरन प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है, जो उन्हें किसी भी कीमत पर स्वीकार्य नहीं है।
विरोध में एकजुट हुए ग्रामीण
इस विरोध प्रदर्शन में लक्ष्मण सिंह, अभिषेक जादौन, विजय सिंह, महेंद्र सिंह, सुनहरी सिंह, जसवंत सिंह, सुरेंद्र सिंह, टीकम सिंह, विष्णु सिंह, जितेंद्र सिंह, प्रेम सिंह, नरमेश सिंह, अर्जुन होला, राजू, उदय सिंह, ऊदल सिंह, बंटी लौरा, चंद्रभान, चंद्रवीर सिंह सहित दर्जनों ग्रामीण मौजूद रहे। ग्रामीणों ने एक स्वर में चकबंदी प्रक्रिया को रद्द करने की मांग की, उनका मानना है कि यह उनके हितों के खिलाफ है।
इस घटना ने ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि संबंधी प्रक्रियाओं और किसानों की सहमति के महत्व पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। देखना होगा कि प्रशासन इस विरोध पर क्या रुख अपनाता है और ग्रामीणों की मांगों पर विचार करता है या नहीं।