आगरा: कलेक्ट्रेट में दिव्यांग संगठन पदाधिकारियों पर जानलेवा हमला, मुकदमा दर्ज
आगरा : आगरा के कलेक्ट्रेट परिसर में शुक्रवार को एक गंभीर घटना सामने आई, जहां भारतीय दिव्यांग संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष बॉबी गोला और महिला मोर्चा की अध्यक्ष समीना पर कथित तौर पर जानलेवा हमला किया गया। इस घटना के बाद पीड़ित पक्ष ने पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया है।
पीड़ितों के अनुसार, यह हमला भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) के पूर्व आसरा सेंटर संचालक देवेंद्र सविता और फरीन खान के नेतृत्व में लगभग एक दर्जन लोगों ने किया। हमलावरों ने न केवल मारपीट की, बल्कि गाली-गलौज भी की और जान से मारने की धमकी दी। हैरानी की बात यह रही कि कलेक्ट्रेट परिसर में मौजूद सुरक्षाकर्मी इस दौरान मूकदर्शक बने रहे और उन्होंने किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं किया।
पीड़ित पक्ष की ओर से थाना नाई की मंडी में भारतीय न्याय संहिता की धारा 115/2, 351/2, व 352 के तहत शिकायत दर्ज कराई गई है। महिला अध्यक्ष समीना द्वारा दी गई तहरीर में हमलावरों के नाम स्पष्ट रूप से उल्लिखित हैं।
भ्रष्टाचार की पुरानी शिकायत पर कार्रवाई न होने से बढ़ा तनाव
यह घटनाक्रम एलिम्को के आसरा सेंटर में कथित भ्रष्टाचार से जुड़े एक पुराने मामले से उपजा है। दिव्यांग संगठन और किसान मजदूर नेता चौधरी दिलीप सिंह ने पहले ही 7 नवंबर 2024 को एलिम्को के आसरा सेंटर में भ्रष्टाचार, अवैध वसूली और दिव्यांगों के साथ धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी। जांच में देवेंद्र सविता पर लगे आरोप सही पाए गए थे, जिसके बाद एलिम्को ने उन्हें सेंटर के संचालन से हटा भी दिया था। हालांकि, इस मामले में अब तक कोई प्रशासनिक कार्रवाई नहीं हुई है।
शिकायत लेकर पहुंचने पर हुआ हमला
शुक्रवार को जब दिव्यांग संगठन के कार्यकर्ता इसी पुरानी शिकायत के संबंध में जिलाधिकारी से मिलने के लिए कलेक्ट्रेट पहुंचे, तभी पहले से तैयार हमलावरों ने उन पर हमला कर दिया। किसान मजदूर नेता चौधरी दिलीप सिंह और बॉबी गोला ने तत्काल घटना की सूचना पुलिस प्रशासन को दी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई नहीं की जाती है, तो संगठन आंदोलनात्मक रुख अपनाने के लिए बाध्य होगा।
संगठन की कड़ी मांग, सुरक्षा पर उठे सवाल
भारतीय दिव्यांग संगठन ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि हमलावरों को तत्काल गिरफ्तार नहीं किया जाता है, तो इसे प्रशासनिक लापरवाही माना जाएगा। संगठन ने कलेक्ट्रेट परिसर जैसी एक संवेदनशील जगह पर सुरक्षा में हुई चूक पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं और मांग की है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए उचित कदम उठाए जाएं। इस घटना ने कलेक्ट्रेट परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर भी प्रश्नचिह्न लगा दिया है।