रामायण की चौपाई है कि हित अनहित पशु पक्षिहू जाना यह कहावत सीकरी के ग्राम दूरा में मरणासन्न बछिया ने चरितार्थ कर दी। आपको बताते चलें कि बुधवार की रात्रि 2बजे करीब लगभग 2 दर्जन मांसाहारी हिंसक कुत्तो ने दूध मुहि निराश्रित बछिया को सुनषान रात व निर्जन जंगल का लाभ उठाकर दबोच लिया तथा गम्भीर रूप से घायल कर दिया। बछिया की हालत देखकर महसूस होता हैं कि लगभग उसके प्राण निकलने को ही थे।
अचानक खेती में काम कर रहें किसानों का एक समूह टैक्टर लेकर दूरा खेरिया रोड से गुजरा निश्चित रूप से बछिया ने अपने शरीर की कोने कोने से ताकत जुटाकर प्राण रक्षा के लिए पुकार लगाई । उसे भरोसा था कि जो वाहन सड़क से गुजर रहा है उसमें बैठे राहगीर मेरी जान बचा सकते हैं। तस्वीर देखते ही आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कुत्तों के झुंड से जूझती बछिया पर उस समय क्या गुजर रही होंगी। बछिया के दोनों काम कुत्तो ने कुतर दिए। तथा दर्जनों गहरे घावों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि बछिया ने बड़े धैर्य और साहस के साथ संघर्ष किया है।
सीपी, चरण सिह, लखपति, बंटी सिंह, सोनू, सुरेंद्र आदि टैक्टर सवार किसानों ने गाय की आवाज सुनकर बड़ी मुश्किल से कुत्तो के खूनी जबड़ों से बछिया को बचाया । सुबह जब यह सूचना अखंड भारत परशुराम सेना के कार्यकर्ताओं को पता चली तो पशु चिकित्सक सुभाष दिवाकर से बछिया का उपचार कराया। मौके पर शिशुपाल कटारा, विपिन अग्रवाल,विवेक झा, विराट कहरवार, प्रमोद शर्मा, गौरव गर्ग, ब्रकवान आदि लोग उपस्थित रहें।