आगरा (खेरागढ़) । 1995 के बाद पहली बार उटंगन नदी में पानी का स्तर अत्यधिक बढ़ गया है, जिससे बाढ़ की आशंका पैदा हो गई है। नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण कई गांवों का तहसील मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। राजस्थान में लगातार बारिश के कारण नदी का जलस्तर ऊंचा हो गया है, जिससे प्रशासन अलर्ट मोड पर है और ग्रामीण क्षेत्रों में राजस्व टीम लोगों को जागरूक कर रही है। इस स्थिति के कारण खरीफ की फसलों को भारी नुकसान होने की संभावना है, जिसमें बाजरा, गोभी, टमाटर, तिलहन, और मिर्च शामिल हैं।
जलस्तर के बढ़ने से निमेना, कुल्हाड़ा, नगला पुछरी, मिर्चपुरा, नगला करकट, गढ़ी तुलसी, डांडा, कोलुआ जैसे गांवों में ग्रामीणों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। कुछ गांवों का तहसील मुख्यालय से संपर्क टूट गया है, और कोलुआ के पास स्थित जेक्शन कंपनी के पॉवर प्लांट में भी पानी भर गया है। ग्रामीणों का कहना है कि नदी के बहाव क्षेत्र में बने इस पॉवर प्लांट के कारण पानी का बहाव बाधित हो गया है।
नगला करकट के किसान गोकुल, विजय सिंह, और भगवानदास सिंह ने बताया कि गोभी और मिर्च की फसल जलमग्न होने से हजारों रुपये की पौध नष्ट हो गई है। अटा निवासी दिनेश शर्मा ने बताया कि ग्वार और बाजरा की फसल को भी नुकसान हुआ है। कुल्हाड़ा के निवासी विजय सिंह, पप्पू, देवीसिंह, छुट्टन शर्मा, और देवेंद्र सिंह ने सूचित किया कि उनके गांव का संपर्क तहसील मुख्यालय से कट गया है। बीमार व्यक्ति और प्रसूता अन्य आवश्यक काम के लिए भरतपुर, राजस्थान के घाटोली से होकर तहसील मुख्यालय पहुंच रहे हैं।
एसडीएम संदीप यादव ने बताया कि कुछ गांवों के संपर्क मार्ग टूटने की सूचना मिली है और राजस्व टीम द्वारा निगरानी की जा रही है। ग्रामीणों को भी जागरूक किया जा रहा है। राजस्थान में अधिक बारिश के कारण आज 3500 क्यूसेक पानी छोड़ने की आशंका है। भरतपुर जिले की रूपवास एसडीएम से कम पानी छोड़ने की अनुरोध किया गया है और ग्रामीण क्षेत्रों में सतर्कता बरती जा रही है।
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