प्रदीप यादव
जैथरा एटा । सरकार भले ही लिए नहर-रजवाहा और नलकूपों के माध्यम से निशुल्क सिंचाई की व्यवस्था कर किसानों को आर्थिक मजबूती देने के उद्देश्य से प्रयासरत हो, मगर जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही की कीमत किसान को अपने खून- पसीने से चुकानी पड़ती है। किसान सर्दी- गर्मी ,किसी भी मौसम में दिन रात हवाओं के थपेड़े खा खा कर करोड़ों लोगों का पेट भरने के लिए अन्न पैदा करता है,फिर भी अन्नदाता की दुश्वारियां कम होती नजर नहीं आ रही हैं।
विकासखंड जैथरा की तिगरा भमोरा पंचायत स्थित नलकूप संख्या 22 से किसानों को सिंचाई के लिए खेतों तक पानी नहीं मिल पा रहा है। विगत कुछ माह पूर्व ही नलकूप से खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए नाली का निर्माण कराया गया था। नाली के जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो जाने से खेतों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है ।जिससे किसानों की फसल सूख जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
मायाचक निवासी अरविंद कुमार ने बताया कि किसानों को पर्याप्त मात्रा में न तो बिजली मिल पा रही है। सर्दी के मौसम में खेतों में गेहूं की सिंचाई के लिए आना पड़ता है। नलकूप की नई नाली का निर्माण कुछ माह पूर्व किया गया था ।जिसमें कई जगह पानी का रिसाव होता रहता है। जिससे पानी की बर्बादी होती है। सिंचाई में समय भी अधिक लगता है। कई बार अधिकारियों व कर्मचारियों से इसकी शिकायत की गई लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया।
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