ये कैसा नवंबर यातायात माह है कप्तान साहब, ई-बैटरी रिक्शा में भूसे की तरह ठूसे जा रहे यात्री

Sumit Garg
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दीपक शर्मा

छटीकरा। कम समय में अधिक कमाई की लालच में ऑटो चालक और टमटम में सवारी की जान जोखिम में डाल रहे हैं। ऑटो व टमटम चालकों की इस मनमानी के प्रति पुलिस तमाशबीन बनी हुई है। हम बात रहे है। थाना वृन्दावन और थाना जैत क्षेत्र में बेलगाम संचालित हो रहे ऑटो चालकों की कर रहे हैं। सवारी ढोने में लगे ऑटो में भले ही 4 से 6 निर्धारित होती है। लेकिन चालकों की ओर हर ऑटो में आठ से 10 सवारी बैठाई जा रही है। और ई- बैटरी रिक्शा में 4 श्रद्धालुओं की बैठने की जगह है वहां पर 10 से 15 सवारी बैठाई जा रही है।

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श्रद्धालु वृंदावन में यात्रा करने को मजबूर हैं। क्योंकि उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं होता है। दरअसल चालकों के बीच सांठगांठ के चलते ऑटो में जब तक आठ से 10 सवारी बैठ नहीं जाती है। ऑटो न ही रवाना होती है और न ही दूसरा चालक अपनी ऑटो में सवारी बैठाता है। मजबूरन लोगों को टमटम बैटरी रिक्शा में बैठना पड़ता है।

 

*मनमानी किराया भी वसूल रहे*

पुलिस की मिलीभगत और चुप्पी का आलम यह है,, कि सवारी को किराया भी अधिक देना पड़ रहा है। जिन स्थानों के लिए वाजिब किराया 10 से 15 रुपए है। वहां के लिए ऑटो चालक 30 से 40 रुपए तक वसूल रहे हैं। सूत्रों के अनुसार कई बार ऑटो व टमटम चालकों और यात्रियों में बहस और लड़ाई भी हुई।

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प्रभारी-दैनिक अग्रभारत समाचार पत्र (आगरा देहात)
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