कौन बना रहा है फर्जी बच्चे? सनसनीखेज खुलासा, रायबरेली के बाद अब जैथरा में जन्म प्रमाण पत्र का खेल

कौन बना रहा है फर्जी बच्चे? सनसनीखेज खुलासा, रायबरेली के बाद अब जैथरा में जन्म प्रमाण पत्र का खेल

Dharmender Singh Malik
6 Min Read

जैथरा के जन सेवा केंद्र संचालकों के खेल का पर्दाफाश होने के बाद क्षेत्र में खलबली मच गई है। क्षेत्र में पूरे दिन इस खेल की चर्चा रही है। अफसरों की जुबां पर भी केंद्र संचालकों की कारस्तानी रहीं। पोस्ट ऑफिस एवं बीआरसी पर भी सतर्कता देखी गई। अफसर इस खेल में बड़ी कार्रवाई करने के मूड में है। वहीं, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे तीन जन्म प्रमाण पत्र चर्चा का विषय बने हुए हैं।

जैथरा के जन सेवा केंद्र संचालकों में मची खलबली, बचाव की जुगत में जुटे

प्रदीप यादव

एटा: जैथरा के जन सेवा केंद्र संचालकों के खेल का पर्दाफाश होने के बाद क्षेत्र में खलबली मच गई है। क्षेत्र में पूरे दिन इस खेल की चर्चा रही है। अफसरों की जुबां पर भी केंद्र संचालकों की कारस्तानी रहीं। पोस्ट ऑफिस एवं बीआरसी पर भी सतर्कता देखी गई। अफसर इस खेल में बड़ी कार्रवाई करने के मूड में है। वहीं, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे तीन जन्म प्रमाण पत्र चर्चा का विषय बने हुए हैं। जांच टीम उनकी तह तक जाने में जुटी है।

जन सेवा केंद्र संचालकों द्वारा जन्म प्रमाण पत्र बनाने में किए गए फर्जीवाड़े की जांच की आंच पोस्ट ऑफिस एवं बीआरसी तक पहुंचती दिख रही है। केंद्र संचालकों के रातोंरात भागने के मामले को अफसरों ने गंभीरता से लिया है। अफसरों की टीम बीआरसी एवं पोस्ट ऑफिस पर जन्म प्रमाण पत्र के प्रूफ पर जारी आधार एनरॉलमेंट का डाटा जुटाने में लग गई है। डाटा के आधार पर गांव-गांव एवं नगर क्षेत्र में सत्यापन कर फर्जीवाड़े के इस खेल का खुलासा कर इस खेल के सरगनाओं तक पहुंचा जाएगा। अफसर इस प्रकरण में किसी भी प्रकार की ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है।

जैथरा में अब तक कार्यवाही न होने के पीछे टीम के मुखिया का मौजूद न होना सामने आया है। जिनके नेतृत्व में टीम को कार्य करना है, वह विभागीय कार्य से जिले से बाहर हैं। उनके तहसील में पहुंचते ही टीम अपना कार्य शुरू कर देगी। उधर, केंद्र संचालकों के रातोंरात भागने के खुलासे के बाद जैथरा के केंद्र संचालकों में खलबली मची रही।

फर्जीवाड़े के खेल में संलिप्त केंद्र संचालक स्वयं की गर्दन बचाने की जुगत में लगे रहे हैं। हर कोई अपने-अपने स्तर से प्रयास में जुटा रहा। सूत्रों का कहना है कि फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के सरगना चंद समय ही फर्श से अर्श पर पहुंच गए हैं। इनका बहुत बड़ा रैकेट है। बीआरसी एवं पोस्ट ऑफिस पर भी पूरी सतर्कता बरती जाने लगी है। संदिग्ध जन्म प्रमाण पत्र नजर आने पर आधार कार्ड बनाने से परहेज किया जाने लगा है। हालांकि पूर्व में किए गए आधार पंजीकरण संदेह के घेरे में हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि रायबरेली की भांति ही जैथरा में बड़े पैमाने पर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र का गोरखधंधा चल रहा था। बताते चलें कि रायबरेली में एक केंद्र संचालक द्वारा पंचायत सेक्रेटरी की आईडी से करीब 20 हजार फर्जी जन्म प्रमाण जारी कर दिए। सचिव ने स्वयं की गर्दन बचाने को केंद्र संचालक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने को तहरीर दी, परन्तु यह चाल सचिव पर उल्टी पड़ गई। अफसरों के निर्देश पर पुलिस ने संबंधित पंचायत सचिव, केंद्र संचालक सहित चारों को जेल भेज दिया। रायबरेली के मामले की जांच एनआईए एवं एटीएस की टीम कर रही है।

तीन जन्म प्रमाण पत्र सोशल मीडिया पर हो रहे वायरल

सोशल मीडिया पर तीन फर्जी जन्म प्रमाण पत्र वायरल हो रहे हैं। इन प्रमाण पत्रों को स्वास्थ्य उपकेंद्र एटा से जारी किया गया है। जैथरा क्षेत्र के एक व्यक्ति ने आधार कार्ड बनवाने के लिए अपने तीन बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र जैथरा के केंद्र संचालक से बनवाए थे।

संचालक ने उसे स्वास्थ्य उप केंद्र एटा के नाम से जारी जन्म प्रमाण उसे उपलब्ध करा दिए। जब वह इन प्रमाण पत्रों को लेकर आधार कार्ड बनवाने के लिए बीआरसी पहुंचा, तो वहां मौजूद कर्मचारी ने सम्बन्धित सम्बन्धित प्रमाण पत्रों को फर्जी बताते हुए एफआईआर की चेतावनी देते हुए इस व्यक्ति को भगा दिया। यह घटनाक्रम अलीगंज में एसडीएम द्वारा की गई छापामार कार्यवाही के बाद का बताया जा रहा है। हालांकि इस मामले में सम्बन्धित कर्मचारी को प्रशासन का सहयोग कर खेल के खुलासे में मदद करनी चाहिए थी, जो उसने नहीं की। हालांकि यह जन्म प्रमाण पत्र अफसरों तक पहुंच गए हैं, जांच जारी है।

कौन है जितेंद्र, बंटू एवं मयंक, हर तरफ चर्चा

इस खेल में तीन नाम बहुत तेजी चल रहे हैं। जन सेवा केंद्र संचालकों के बीच भी इन तीन नामों की खूब चर्चा हो रही है। चर्चा है कि यह यह तीनों बहुत बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का खेल कर रहे थे। ग्राम पंचायतों से जुड़े कार्यों आदि का भुगतान बंटू नाम का व्यक्ति ही करता है। सचिव भुगतान के लिए इसके पास ही भेजते थे। रायबरेली के जीशान की भांति ही बंटू नाम का व्यक्ति भी सभी काम करता था। वहीं मयंक नाम के संचालक ने बड़े पैमाने पर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाए हैं। जिनका उपयोग डाकघर में हुआ है। जांच टीम इनकी पूरी कुंडली खंगालने में जुटी है।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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