खेरागढ़| हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी कस्बा खेरागढ़ में ब्रजधाम उदासीन आश्रम पुल वाले हनुमान मंदिर पर श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है।
इससे पहले युवतियों और महिलाओं ने सुबह सिर पर कलश रखकर बैंड बाजों और गाजे बाजे के साथ धूमधाम से भव्य कलश शोभा यात्रा निकाली। गाजे बाजों की धुन पर पीतांबर वस्त्र धारण कर युवतियों ने सिर पर कलश रखकर 111 कलशों के साथ भव्य शोभा यात्रा निकाली। यात्रा कस्बे की परिक्रमा करती हुई ब्रजधाम उदासीन आश्रम पुल वाले हनुमान मंदिर पर पहुंचकर संपन्न हुई। कलश यात्रा में परीक्षित वीरानन्द महाराज उदासीन सिर पर भगवत रखकर नंगे पांव चलते नजर आए। बग्घी पर भागवताचार्य ऋषि कृष्ण महाराज विराजमान थे।
कथा आयोजक एवं ब्रजधाम उदासीन आश्रम के महंत प्रकाशानंद जी महाराज ने सभी भक्तों से कथा श्रवण करने के लिए निवेदन किया है।
कस्बे वासियों ने किया स्वागत
कस्बे वासियों ने जगह जगह भागवत कलश यात्रा का फूलों की वर्षा कर स्वागत किया। साथ ही जलपान और फलों का वितरण किया। शोभायात्रा का समापन भागवत कथा पंडाल में हुआ। कथा वाचक भागवताचार्य ऋषि कृष्ण महाराज ने अपनी वाणी से भागवत कथा का प्रारम्भ किया।
उन्होंने आषाढ़ मास व श्रीमद् भागवत कथा का महत्व बताया। आषाढ़ मास की एकादशी तिथि से 4 माह के लिए श्री विष्णु भगवान माता लक्ष्मी के साथ क्षीरसागर में योग निद्रा में रहते हैं। श्रीमद् भागवत कथा एवं ज्ञान यज्ञ से मनुष्य के मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है। चातुर्मास एवं चौमासा के चार महीना भजन ध्यान व योग साधना के लिए बताए गए।