एटा ((प्रदीप यादव) : जुआ-सट्टा, तमंचा जैसे छोटे-छोटे मामलों के खुलासे एवं गिरफ्तारी पर सराहनीय कार्य का प्रेसनोट जारी कर पीठ थप-थपाने वाली जैथरा पुलिस ने डिप्टी सीएमओ पर हमला करने के मुख्य आरोपी को गुपचुप तरीके से जेल भेज दिया। पुलिस ने आरोपी को जेल भेजने की किसी को भी कानोंकान भनक तक नहीं लगने दी। जबकि इससे पहले इस चर्चित मामले में नामजदगी से इतर जेल भेजे गए आरोपियों की गिरफ्तारी के सम्बंध में प्रेसनोट जारी किया गया था। मुख्य आरोपी को गुपचुप ढंग से जेल भेजने के तरीके से थाना पुलिस की कार्यप्रणाली पर उंगलियां उठ रही हैं। आरोपी से पुलिस के ‘प्रेम’ की क्षेत्र में चर्चा हो रही है।
बता दें, जैथरा थाना क्षेत्र के गांव सहोरी में डिप्टी सीएमओ और कर्मचारियों को बंधक बनाकर पीट दिया गया था। गांव सहोरी में अनधिकृत रूप से चिकित्सकीय कार्य करने की शिकायत जिलाधिकारी से की गई थी। उनके निर्देश पर 5 सितंबर को डिप्टी सीएमओ डॉ. सर्वेश कुमार और कर्मचारी गांव में पहुंचे। वहां बिना रजिस्ट्रेशन, डिग्री के यतेंद्र यादव क्लीनिक चलाते मिला। वहां मरीजों की काफी भीड़ थी। टीम नोटिस बना रही थी, तभी अचानक झोलाछाप के इशारे पर टीम को दुकान का शटर डालकर बंधक बना लिया गया और पीटा गया। इसमें डिप्टी सीएमओ ने 22 लोगों पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने नामजदगी से इतर अज्ञात में शामिल दो आरोपियों को घटना के दो दिन बाद ही जेल भेज दिया था। इनकी गिरफ्तारी पर पुलिस ने प्रेसनोट भी जारी किया था। जबकि थाना पुलिस ने इस चर्चित मामले के मुख्य आरोपी
यतेंद्र सिंह यादव उर्फ अतेंद्र को 7 अक्टूबर की शाम गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इसकी गिरफ्तारी के सम्बंध में पुलिस ने मीडिया को कोई जानकारी साझा नहीं की। पुलिस के इस कृत्य को आरोपी से प्रेम के रूप में देखा जा रहा है। जिसकी क्षेत्र में खूब चर्चा हो रही है। अधिवक्ता प्रशांत पुंढीर ने बताया कि थाना पुलिस ने यतेंद्र यादव को उत्तराखण्ड के टनकपुर से पकड़ा था। जैथरा थानाक्षेत्र से उसकी 7 अगस्त को गिरफ्तारी दर्शाकर जेल भेज दिया है।
जेई के हमलवार को भी पुलिस ने गुपचुप भेजा था जेल
जैथरा पुलिस का यह कोई पहला कारनामा नहीं है। इससे पूर्व भी थाना पुलिस आरोपियों को गुपचुप जेल भेज चुकी है। 21 अगस्त को धुमरी में विद्युत विभाग की टीम पर हमला हुआ था। जिसके एक आरोपी को भी पुलिस ने गुपचुप जेल भेजा था। थाना पुलिस ने उस आरोपी की गिरफ्तारी की भी मीडिया को भनक नहीं लगने दी थी। मामले के खुलासे के बाद पुलिस जमकर किरकिरी हुई थी। तत्कालीन थाना प्रभारी को अफसरों के कोप का भाजन भी होना पड़ा था। इसके बाद भी पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार नहीं हो रहा है।
मुख्य आरोपी के अतिक्रमण को बुलडोजर से कराया था ध्वस्त
डिप्टी सीएमओ पर हमले के मुख्य आरोपी के साथ पुलिस ने भले ही ‘प्रेम’ निभा दिया हो, परन्तु प्रशासन ने इस प्रकरण में ढिलाई नहीं बरती। इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने वाले आरोपियों को कड़ा संदेश देने के लिए तहसील प्रशासन ने मुख्य आरोपी यतेंद्र यादव द्वारा सरकारी नाली पर किए गए अतिक्रमण को बुलडोजर से ध्वस्त करा दिया था। जैथरा व अलीगंज के नायब तहसीलदार ने राजस्व टीम व पुलिस के साथ आरोपी के गांव पहुंचकर 4 अक्टूबर को अतिक्रमण ध्वस्त करने की कार्यवाही की थी।