कौन हैं टेलीग्राम के मालिक पावेल डुरोव, और फ्रांस में उन्हें क्यों गिरफ्तार किया गया?
नई दिल्ली। टेलीग्राम के अरबपति संस्थापक और सीईओ पावेल डुरोव (Pavel Durov) को हाल ही में शनिवार शाम पेरिस के बाहर बॉर्गेट हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया। यह गिरफ्तारी टेलीग्राम पर मॉडरेटर की कमी के संदर्भ में की गई है, जिसके कारण ऐप पर आपराधिक गतिविधियों की आशंका जताई जा रही थी। हालांकि, इस मामले में टेलीग्राम की ओर से कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हुई है और फ्रांसीसी गृह मंत्रालय व पुलिस ने भी टिप्पणी करने से इंकार किया है। रूस के विदेश मंत्रालय ने स्थिति को स्पष्ट करने के लिए कदम उठाने की बात की है और पश्चिमी एनजीओ द्वारा डुरोव की रिहाई की मांग किए जाने पर सवाल उठाए हैं।
पावेल डुरोव: एक परिचय
पावेल डुरोव, 39 वर्षीय रूसी अरबपति, टेलीग्राम के संस्थापक और सीईओ हैं। उनका जन्म रूस में हुआ था, और वे तकनीकी दुनिया में अपनी भूमिका के लिए प्रसिद्ध हैं। डुरोव ने 2014 में रूस छोड़ दिया था, जब उन्होंने रूस की सरकार द्वारा अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, VKontakte, पर विपक्षी समूहों को प्रतिबंधित करने की मांग को मानने से इनकार कर दिया था। इसके बाद, उन्होंने VKontakte को बेच दिया और खुद को और टेलीग्राम को दुबई में शिफ्ट कर लिया। 2021 में, उन्होंने फ्रांसीसी नागरिकता प्राप्त की।
टेलीग्राम: एक वैश्विक प्रभाव
टेलीग्राम, मेटा के वॉट्सऐप, इंस्टाग्राम और टिकटॉक जैसे प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का एक प्रतिस्पर्धी है। यह एक मुफ्त मैसेजिंग ऐप है, जिसका उपयोग भारत सहित दुनियाभर में बड़े पैमाने पर किया जाता है। टेलीग्राम की कोशिश है कि वह एक साल के भीतर एक बिलियन मासिक सक्रिय उपयोगकर्ताओं का आंकड़ा पार कर ले। इसके प्ले स्टोर पर एक बिलियन से ज्यादा डाउनलोड्स और 41.4 मिलियन रिव्यू के साथ 4.2 स्टार की रेटिंग है, जो इसके लोकप्रियता को दर्शाता है।
फ्रांस में गिरफ्तारी के कारण
पेरिस के बॉर्गेट हवाई अड्डे पर पावेल डुरोव की गिरफ्तारी टेलीग्राम पर मॉडरेटर की कमी को लेकर की गई है। फ्रांसीसी पुलिस का आरोप है कि इस कमी के कारण टेलीग्राम पर आपराधिक गतिविधियाँ निरंतर चल रही हैं। यह गिरफ्तारी इस मामले में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिससे टेलीग्राम के संचालन और सुरक्षा प्रोटोकॉल पर दबाव बढ़ सकता है।
फिलहाल, पावेल डुरोव की गिरफ्तारी की वजह से उनकी कंपनी और उनके भविष्य पर कई सवाल उठ रहे हैं। यह देखना बाकी है कि इस मामले का आगे कैसे निपटारा होता है और टेलीग्राम की नीति पर इसका क्या असर पड़ता है।