त्यौहार | वैदिक आचार्य राहुल भारद्वाज जी ने बताया कि रक्षा बंधन के दिन श्रवण नक्षत्र और शनिवार का योग बहुत कम बनता है। इस दिन चंद्र मकर राशि में रहेगा और मकर राशि के स्वामी शनि है। शनिवार का दिन जिसका स्वामी भी शनि है और श्रवण नक्षत्र जो शनि की राशि की कक्षा में आते है।
रक्षाबंधन का पावन पर्व इस बार पूर्ण शुभता और विशेष संयोगों के साथ 9 अगस्त शनिवार को मनाया जाएगा। इस बार बहनों को भाइयों की कलाई पर स्नेह की डोर बांधने का पूरा दिन मिलेगा, क्योंकि इस वर्ष भद्रा का कोई प्रभाव नहीं रहेगा। पंचांग के अनुसार यह अवसर अत्यंत शुभ और दुर्लभ योगों से युक्त रहेगा। कई वर्षों बाद ऐसा संयोग बन रहा है जब रक्षाबंधन पर भद्रा नहीं रहेगी। ज्योतिषाचार्य पं. राहुल भारद्वाज ने बताया कि इस बार रक्षाबंधन पर श्रवण नक्षत्र,सौभाग्य योग और सर्वार्थसिद्धि योग जैसे महाशुभ संयोग बन रहे हैं। यह अपने आप में दुर्लभ योग माना जाता है। यह योग सभी राशियों के जातकों के लिए फलदायी रहेंगे।
राखी बांधने के लिए कब रहेगा शुभ समय
वैदिक आचार्य राहुल भारद्वाज ने कहा कि रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। पूर्णिमा तिथि 8 अगस्त को दोपहर 2 बजकर 13 मिनट से शुरू हो जाएगी। वहीं पूर्णिमा तिथि का समापन 9 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 24 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार रक्षाबंधन का त्योहार 9 अगस्त को ही मनाया जाएगा। 8 अगस्त के दिन ही भद्रा का साया खत्म हो जाएगा, इसलिए रक्षाबंधन का दिन भद्रा से मुक्त रहेगा।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
ऐसे में राखी बांधने के लिए सूर्योदय से लेकर दोपहर 1 बजकर 24 मिनट तक का समय सबसे शुभ रहेगा। इसके साथ ही अभिजीत मुहूर्त (दोपहर 11:48 से 12:40 तक) में भी राखी बांधना बेहद शुभ माना जाएगा। वहीं जो लोग दोपहर तक राखी न बांध पाएं वो शाम तक राखी बांध सकते हैं, क्योंकि उदया तिथि में ढाई घंटे से अधिक तक पूर्णिमा तिथि रहेगी। ऐसे में शाम के वक्त भी राखी बांधना गलत नहीं होगा।
कलावा बांधने का नियम
रक्षाबंधन के दिन भाई के दाहिने हाथ पर राखी बांधना शुभ माना जाता है। दाहिना हाथ या सीधा हाथ जीवन के कर्मों का हाथ कहा गया है और मनुष्य के दाहिने हिस्से में देवताओं का वास भी माना गया है। कहा जाता है कि दाहिने हाथ से किए गए दान और धार्मिक कार्यों को भगवान जल्दी स्वीकार कर लेते हैं, इसलिए धार्मिक कार्यों के बाद कलावा आदि भी दाहिने हाथ पर बांधा जाता हैं।
किस हाथ में बांधना चाहिए रक्षासूत्र?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पुरुषों और अविवाहित कन्याओं को दाएं हाथ में रक्षासूत्र बांधना चाहिए वहीं विवाहित स्त्रियों के लिए बाएं हाथ में राखी बांधने का विधान है। भाइयों को राखी बंधवाते समय उस हाथ की मुट्ठी को बंद रखकर दूसरा हाथ सिर पर रखना चाहिए। वास्तु शास्त्र में काले रंग को नीरसता और नकारात्मक ऊर्जा से जोड़कर देखा जाता है, इसलिए इस दिन बहन और भाई दोनों को काले रंग के परिधान पहनने से परहेज करना चाहिए।