अग्र भारत ब्यूरो
आगरा। प्रदेश सरकार आम जनमानस को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के दावे करती है। विभाग के तेजतर्रार स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक अपनी कार्यशैली को लेकर आए दिन चर्चा के केंद्र में रहते हैं। इसके बावजूद स्वास्थ्य केंद्रों का ढर्रा नहीं सुधर रहा है। जनपद के अछनेरा कस्बे में स्थापित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लापरवाही पूरी तरह हावी हो रही हैं। उच्चाधिकारियों की ढिलाई से अधीनस्थ जमकर मौज काट रहे हैं।
बताया जाता है कि शनिवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो रही स्वास्थ्य केंद्र की तस्वीरों ने सिस्टम की पूरी तरह कलई खोल दी। परिसर ऊपर बने वार्ड और सौचालय सहित विभिन्न स्थानों पर गंदगी का साम्राज्य था। मुख्य परिसर से लेकर ओटी, शौचालय आदि विभिन्न स्थानों पर खून बिखरा पड़ा था। डस्टबिन औंधे पड़े हुए थे। अस्पताल परिसर में पहुंचे मरीज और उनके तीमारदार पेयजल के लिए भटक रहे थे। अव्यवस्थाओं का आलम यहीं नहीं थमा। केंद्र पर डिलीवरी कराने पहुंचे प्रसूताओं के तीमारदारों ने विपरीत हालातों को देखकर अपने मरीजों को यहां से ले जाना ही उचित समझा। केंद्र पर पहुंचे तीमारदारों ने आपबीती को अपनी ही जुबानी बयां किया।
केस-1
साधन गांव निवासी अशीफ अपनी पत्नी मंथशा की डिलीवरी कराने केंद्र पर पहुंचा तो स्टाफ ने उससे 300 रुपए झटक लिए। तीमारदारों को रात्रि में शौच तक के लिए बाहर से पानी भरकर लाना पड़ा। जब डिस्चार्ज का नंबर आया तो उससे 1000 ले लिए गए।
केस-2
सुगम पत्नी योगेंद्र को परिजनों द्वारा बीते सोमवार को केंद्र पर डिलीवरी हेतु भर्ती कराया गया।शुक्रवार को छुट्टी कराई,पांच दिन तक अव्यवस्थाओं का बोझ झेलना पड़ा , परिसर में होने वाली गंदगी की तरफ कोई भी ध्यान नहीं देता है ,परिजनों के मुताबिक रात्रि में कोई भी चिकित्सक मौजूद बुलाने पर भी केबिन से बाहर मरीज को देखने नही आता । जबरन 1100 रुपए हड़प लिए गए।
केस-3
गांव ब्यारा निवासी गोपाल अपनी पत्नी उर्मिला को डिलेवरी हेतु गुरुवार शाम पांच बजे केंद्र पर पहुंचा, पत्नी को भर्ती कर दिया। रात्रि में परेशानी होने पर काफी आवाज देने के बावजूद कोई स्टाफ मौके पर नहीं आया। गोपाल को मजबूरन अपनी पत्नी को एंबुलेंस की सहायता से सुबह लगभग 6 बजे किरावली स्वास्थ्य केंद्र पर लाकर भर्ती कराना पड़ा।
केस-4
महिला मरीज ज्योति का तीमारदार देवा सिंह शनिवार सुबह 10 बजे केंद्र पर पहुंचा। काफी देर तक चिकित्सकों का इंतजार किया, लेकिन मौके पर कोई नहीं आया। अधीक्षक को फोन मिलाने पर बताया गया कि ओटी में ऑपरेशन चल रहा है, जबकि देवा सिंह का आरोप है कि ओटी में कोई ऑपरेशन नहीं हो रहा था।
स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी पर लगे गंभीर आरोप
उल्लेखनीय है कि हाल ही में अछनेरा का स्वास्थ्य केंद्र काफी चर्चित रहा था। केंद्र पर तैनात स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी विपिन बिहारी मिश्रा पर काफी गंभीर आरोप लगे थे। इसका कोई संज्ञान नहीं लिया गया। सूत्रों के अनुसार केंद्र पर तैनात अधीक्षक सिर्फ मोहरा है। असली खिलाड़ी स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी है। केंद्र पर सारा सिस्टम उसी के मुताबिक चलता है।
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इनका कहना है
अव्यवस्थाओं का संज्ञान लिया जा रहा है। स्टाफ से जवाब मांगा गया है। अवैध वसूली की शिकायतों पर लिखित में शिकायत आने पर आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
डॉ अरूण श्रीवास्तव-सीएमओ
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