प्रयागराज । सरयू एक्सप्रेस में अर्धनग्न अवस्था में खून से लथपथ महिला सिपाही के मामले का इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संज्ञान ले लिया है। इस मामले में सीजे के व्हाट्सएप पर पत्र याचिका मिलने के बाद रात को अदालत लगाई गई। कोर्ट ने रेलवे और अयोध्या जिले के पुलिस अधिकारियों को सोमवार को पूरी जानकारी के साथ मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की अदालत में तलब किया है।
सरयू एक्सप्रेस में खून से लथपथ मिली महिला सिपाही के मामले में रात आठ बजे मुख्य न्यायाधीश के आवास पर अदालत लगाई गई। दोपहर करीब सवा तीन बजे इस मामले से जुड़ा एक संदेश मुख्य न्यायधीश प्रीतिंकर दिवाकर के व्हाट्सएप आया। मुख्य न्यायाधीश ने मामले का संज्ञान लेते हुए रात आठ बजे अपने आवास पर अदालत लगाने का फरमान जारी कर दिया। अदालत बैठने की सूचना महाधिवक्ता को दी गई। तय समय पर रात आठ बजे सीजे आवास पर हाईकोर्ट का स्टॉफ, सरकारी वकील और याची अधिवक्ता पेश हुए।
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मुख्य न्यायधीश प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने सुनवाई शुरू की। याची अधिवक्ता राम कौशिक ने मीडिया और सोशल रिपोर्ट का हवाला देते मामले की गंभीरता पर प्रकाश डाला। उन्होंने अदालत से गुजारिश की कि अदालत इस मामले का स्वत संज्ञान ले।
हाईकोर्ट में राज्य सरकार के शासकीय अधिवक्ता आशुतोष ने बताया कि इस मामले को लेकर अधिवक्ता राम कौशिक ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश को पत्र याचिका प्रेषित की थी। कोर्ट ने पत्र याचिका का संज्ञान लिया है। रेलवे और अयोध्या के पुलिस अधिकारियों को पूरी जानकारी के साथ बुलाया गया है।
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गौरतलब है कि निर्मम हालत में ट्रेन में मिली महिला सिपाही की पहचान प्रयागराज जिले के सोरांव क्षेत्र की निवासिनी के रूप में हुई है। वह 1998 बैच की महिला सिपाही है। वह सुल्तानपुर में तैनात है। सावन मेला की ड्यूटी करने वह अयोध्या आ रही थी । इस दौरान उसके साथ बर्बर घटना घटी।
जानकारी मिलने पर रेलवे पुलिस उसे इलाज के लिए पहले अयोध्या के श्रीराम चिकित्सालय ले गई और फिर बिगड़ी हालत के कारण उसे लखनऊ के ट्रामा सेंटर इलाज के लिए रेफर कर दिया गया। पुलिस के मुताबिक महिला सिपाही के साथ घटना क्या और कैसे घटी इसका खुलासा उसके होश में आने के बाद ही होगा । बहरहाल, सोमवार को वकीलों की हड़ताल के बीच इस अमानवीय घटना की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश की अदालत में 12 बजे होगी।
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