मिर्ज़ापुर का ‘शादी नंबर 2’ कांड: दूल्हे को बिना दुल्हन लौटना पड़ा बारात, क्या दहेज बना विलेन?

Laxman Sharma
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मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश: क्या आपने कभी सुना है कि शादी के तीन महीने बाद उसी शख्स से दोबारा शादी हो? उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में ऐसा होने जा रहा था, लेकिन कहानी में एक अप्रत्याशित मोड़ आ गया। मामला हलिया थानाक्षेत्र के सोनगढ़ा इलाके का है, जहां एक दूल्हे को अपनी ही पत्नी के घर से बिना दुल्हन के खाली हाथ बारात लेकर वापस लौटना पड़ा।

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह के बाद दोबारा शादी का प्लान

जानकारी के मुताबिक, सोनगढ़ा गांव की एक युवती की शादी मार्च महीने में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत भटवारी गांव के एक युवक से हुई थी। सामूहिक विवाह के बाद तय हुआ था कि दूल्हा पूरे गाजे-बाजे और रीति-रिवाज के साथ दुल्हन के घर बारात लेकर पहुंचेगा और पारंपरिक तरीके से दोबारा शादी की रस्में पूरी की जाएंगी। इसके लिए सोमवार को दोबारा विवाह की तिथि निर्धारित की गई थी।

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दहेज की मांग बनी विवाद की जड़, दुल्हन ने किया इनकार

सोमवार रात जब दूल्हा पूरे लाव-लश्कर के साथ बारात लेकर दुल्हनिया के घर पहुंचा, तो ससुर जी उसे देखते ही भड़क गए। दुल्हन ने भी शादी से साफ इनकार कर दिया। खूब हंगामा हुआ, लेकिन अंततः दूल्हे को बिना दुल्हन के ही घर वापस लौटना पड़ा।

दरअसल, दुल्हन के पिता का आरोप है कि दूल्हा अपनी दुल्हनिया के लिए आवश्यक गहने, कपड़े और श्रृंगार का सामान लेकर नहीं आया था, जो कि शादी के लिए जरूरी था। यह मामला दहेज से जुड़ा बताया जा रहा है, जिसकी कमी के कारण दुल्हन ने शादी से इनकार कर दिया।

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पुलिस का बयान और इलाके में चर्चा

इस संबंध में थानाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह ने बताया कि उन्हें अभी तक मामले की कोई जानकारी नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि अगर कोई प्रार्थना पत्र आता है, तो निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी।

यह अनोखा मामला अब पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है। जहां एक ओर यह सामूहिक विवाह योजना के बाद दोबारा शादी की रस्मों के महत्व को दर्शाता है, वहीं दूसरी ओर यह एक बार फिर दहेज जैसी कुप्रथा के समाज में गहरे जड़ें जमा होने का दुखद प्रमाण भी प्रस्तुत करता है।

 

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