नई दिल्ली: पिछले कुछ महीनों से सरकारी कर्मचारियों के बीच रिटायरमेंट की उम्र को लेकर जो अफवाहें और भ्रम फैले हुए थे, उन पर आखिरकार केंद्र सरकार ने विराम लगा दिया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे मैसेजेस, जिनमें रिटायरमेंट की उम्र को घटाने या बढ़ाने की बातें कही जा रही थीं, उन्हें सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया है।
सरकार ने कहा: ‘कोई प्लान नहीं, नियम सही से काम कर रहे हैं’
राज्यसभा में केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री ने लिखित उत्तर में स्पष्ट कर दिया है कि सेवानिवृत्ति की उम्र को लेकर सरकार के पास किसी भी तरह का कोई प्रस्ताव नहीं है। इसका सीधा मतलब है कि केंद्रीय कर्मचारियों की रिटायरमेंट की आयु न तो बढ़ाई जा रही है और न ही घटाई जा रही है।
मंत्री ने यह भी कहा कि फिलहाल रिटायरमेंट से जुड़े नियम सही तरह से काम कर रहे हैं और उनमें बदलाव की कोई ज़रूरत नहीं है। सरकार की इस स्पष्टता से लाखों कर्मचारियों ने राहत की सांस ली है, क्योंकि अनिश्चितता के कारण वे तनाव में थे।
वर्तमान रिटायरमेंट आयु का नियम
केंद्र सरकार के अधीन आने वाले ज्यादातर कर्मचारियों के लिए सामान्य रिटायरमेंट की उम्र 60 साल तय की गई है। हालांकि, कुछ खास विभागों या पदों के लिए यह उम्र 58 साल भी हो सकती है। रिटायरमेंट की उम्र तय करते समय काम की प्रकृति, जिम्मेदारियों और मानसिक दबाव जैसे कारकों का ध्यान रखा जाता है। इसी उम्र सीमा के आधार पर पेंशन, ग्रैच्युटी और लीव एनकैशमेंट जैसे लाभ तय होते हैं, इसलिए इस नियम में बदलाव करना कोई छोटा फैसला नहीं होता।
VRS: जल्दी रिटायर होने का विकल्प अभी भी मौजूद
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि जो कर्मचारी स्वेच्छा से रिटायर होना चाहते हैं, उनके लिए पहले से ही VRS (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना) मौजूद है। यह उन लोगों के लिए एक बढ़िया विकल्प है जो जल्दी रिटायर होकर अपना व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, या फिर पारिवारिक या स्वास्थ्य कारणों से काम छोड़ना चाहते हैं। VRS लेने के लिए कुछ शर्तें होती हैं, जैसे 20 साल की सेवा पूरी हो चुकी हो या 50 साल की उम्र पार कर चुके हों। इस योजना में कर्मचारी को रिटायरमेंट बेनिफिट्स मिलते हैं, लेकिन यह पूरी तरह से कर्मचारी की इच्छा पर निर्भर करता है।
नियमों का निर्धारण और कर्मचारियों पर प्रभाव
सेवानिवृत्ति से जुड़े सभी नियम केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम 2021 और अखिल भारतीय सेवा नियम 1958 के तहत आते हैं। इन नियमों को कई सालों के अनुभव और स्थितियों को देखकर बनाया गया है और ये ही तय करते हैं कि कौन कितने साल की उम्र में रिटायर होगा, पेंशन कैसे मिलेगी और बाकी लाभ क्या होंगे। सरकार ने बताया कि समय-समय पर इन नियमों में ज़रूरी बदलाव किए जाते हैं, और 2021 में भी इन्हें अपडेट किया गया था।
सरकार के इस बयान के बाद अब कर्मचारियों को चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। वे अपने रिटायरमेंट प्लान को पहले की तरह ही जारी रख सकते हैं और शांति से अपने कर्तव्यों पर ध्यान दे पाएंगे। यह फैसला सरकारी सिस्टम में विश्वास बनाए रखता है और नए युवाओं को भी सरकारी नौकरियों के प्रति आकर्षित करता है, क्योंकि उन्हें पता होता है कि यहां नियम स्थिर और संतुलित होते हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी समाचार स्रोतों और सरकारी बयानों पर आधारित है। सेवानिवृत्ति से संबंधित किसी भी आधिकारिक निर्णय या योजना के लिए कृपया भारत सरकार की वेबसाइट या संबंधित विभाग से पुष्टि करें।