अपराधी को पकड़ने गई पुलिस पर हमला, 5 पुलिसकर्मी की हालत गंभीर, ग्रामीणों ने बंधक बनाकर पीटा

Aditya Acharya
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जमकर चले लाठी डंडे

हरियाणा। नूंह के गोकुलपुर गांव में हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां बदमाशों को पकड़ने गई पुलिस टीम के जवानों को ही आरोपी के परिजनों और ग्रामीणों ने हमला कर बंधक बना लिया गया. इसमें 5 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए. पुलिस अधिकारी ने बताया कि फरीदाबाद पुलिस की एक टीम ट्रैक्टर-ट्रॉली चोरी के मामले में शामिल अपराधी को पकड़ने के लिए गांव गई थी. आरोपियों ने 2 घंटे तक पुलिस के जवानों को बंदूक की नोक पर एक घर में बंधक बनाकर रखा. इतना ही नहीं, आरोपियों ने पुलिसकर्मियों के मोबाइल फोन, नकदी और अन्य सामान भी छीन लिए.

पुलिस ने कहा कि सूचना मिलने के बाद नूंह पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची और घायल पुलिसकर्मियों को अस्पताल ले गई. पुलिस टीम के प्रभारी उपनिरीक्षक की तहरीर पर पुन्हाना थाने में 15 युवक-युवतियों और करीब 30 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने कहा कि उनके खिलाफ IPC की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

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एजेंसी के मुताबिक नूंह के एसपी वरुण सिंगला ने कहा कि सभी आरोपी फरार हैं. हमारी टीमें संदिग्ध स्थानों पर छापेमारी कर रही हैं. उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा. फरीदाबाद के ऊंचा में क्राइम ब्रांच के सब-इंस्पेक्टर जलालुद्दीन की शिकायत के मुताबिक पुलिस ने ट्रैक्टर-ट्रॉली चोरी के मामले में गोकुलपुर गांव निवासी एक तालीम को गिरफ्तार किया था. उसने पूछताछ में खुलासा किया था कि ट्रैक्टर-ट्राली चोरी करने के बाद उसने उसे अपने गांव के अजरुद्दीन नाम के व्यक्ति को 1.40 लाख रुपये में इसे बेच दिया था. शिकायत के आधार पर अजरुद्दीन को पकड़ने के लिए सब इंस्पेक्टर के नेतृत्व में एक 8 सदस्यीय पुलिस टीम का गठन किया गया.

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बुधवार दोपहर को गोकुलपुर में अजरुद्दीन के घर पर छापा मारा गया. सब इंस्पेक्टर ने बताया कि जब हम अजरुद्दीन के घर पहुंचे और उसका नाम पुकारा तो उसने घर की छत पर चढ़कर शोर मचाया, जिसके बाद महिलाओं सहित कई लोग वहां जमा हो गए और हमें घेर लिया. वे सभी अपने हाथों में हथियार और लाठी लिए हुए थे और पुलिस टीम पर जानलेवा हमला किया, जिससे पुलिसकर्मियों को चोटें आईं. इसके बाद भी वे नहीं रुके और अजरुद्दीन के घर में बंदूक की नोक पर पुलिस पार्टी को बंधक बना लिया. हथियार दिखाते हुए उन्होंने मुझसे और मेरे एक साथी से मोबाइल फोन और पर्स छीन लिया. करीब दो घंटे के बाद उन्होंने हमें रिहा कर दिया. साथ ही कहा कि अगर हम दोबारा गांव आएंगे तो वे हमें जिंदा नहीं जाने देंगे.

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