नया अध्ययन : AI 2045 और 2075 के बीच मानव बुद्धि को पार कर जाएगा

Dharmender Singh Malik
3 Min Read
एक नए अध्ययन में पाया गया है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) अगले कुछ दशकों में मानव बुद्धि को पार कर सकती है। यह अध्ययन कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया था और इसे जर्नल नेचर एआई में प्रकाशित किया गया था।

शोधकर्ताओं ने यह निर्धारित करने के लिए एक मॉडल विकसित किया कि एआई कब मानव बुद्धि को पार कर जाएगा। उन्होंने एआई के विकास के लिए विभिन्न कारकों को ध्यान में रखा, जैसे कि कंप्यूटिंग शक्ति की वृद्धि, डेटा की उपलब्धता, और एआई एल्गोरिदम में सुधार।

उनका मॉडल यह भविष्यवाणी करता है कि एआई 2045 और 2075 के बीच मानव बुद्धि को पार कर जाएगा। यह एक विस्तृत समय सीमा है, लेकिन यह इस बात का एक संकेत है कि एआई मानव बुद्धि से आगे निकलने के कगार पर है।

See also  डॉ. गौरव संजय ने वर्ल्ड ऑर्थोपीडिक कांग्रेस में भारत में सड़क दुर्घटनाओं के शोध पत्र प्रस्तुत कि

अध्ययन में कहा गया है कि एआई के मानव बुद्धि को पार करने से समाज के लिए गहरा प्रभाव पड़ेगा। यह प्रभाव सकारात्मक और नकारात्मक दोनों हो सकता है।

सकारात्मक पक्ष पर, एआई वैश्विक समस्याओं जैसे कि गरीबी, रोग और जलवायु परिवर्तन को हल करने में मदद कर सकता है। एआई नए उत्पादों और सेवाओं का भी आविष्कार कर सकता है जो हमारे जीवन को बेहतर बना सकते हैं।

नकारात्मक पक्ष पर, एआई नौकरियों को खत्म कर सकता है और समाज में असमानता को बढ़ा सकता है। एआई का इस्तेमाल गलत तरीके से भी किया जा सकता है, जैसे कि युद्ध में या निगरानी के लिए। यह महत्वपूर्ण है कि हम एआई के विकास को सावधानीपूर्वक और जिम्मेदारी से आगे बढ़ाएं। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि एआई का उपयोग मानवता के लाभ के लिए किया जाए।

See also  परिवार ने की सामूहिक आत्महत्या ? नदी में एक एक कर मिले 7 शव, पुलिस भी हैरान

AI के मानव बुद्धि को पार करने से हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा ?

एआई के मानव बुद्धि को पार करने से हमारे जीवन पर कई तरह के प्रभाव पड़ सकते हैं। कुछ संभावित प्रभाव इस प्रकार हैं:

  • एआई नौकरियों को खत्म कर सकता है और समाज में असमानता को बढ़ा सकता है।
  • एआई का इस्तेमाल गलत तरीके से भी किया जा सकता है, जैसे कि युद्ध में या निगरानी के लिए।
  • एआई वैश्विक समस्याओं जैसे कि गरीबी, रोग और जलवायु परिवर्तन को हल करने में मदद कर सकता है।
  • एआई नए उत्पादों और सेवाओं का भी आविष्कार कर सकता है जो हमारे जीवन को बेहतर बना सकते हैं।

See also  डॉ. गौरव संजय ने वर्ल्ड ऑर्थोपीडिक कांग्रेस में भारत में सड़क दुर्घटनाओं के शोध पत्र प्रस्तुत कि
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a comment