आगरा: नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार, आगरा एयरपोर्ट/ सिविल एन्क्लेव का नाम सरकार द्वारा राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (national Monetization pipeline) योजना के तहत पब्लिक प्राइवेट भागीदारी (पीपीपी) मॉड्यूल पर मुद्रीकरण (Monetization) किए जाने वाले हवाई अड्डों की सूची में नहीं है। हालांकि, इस बात की स्पष्टता नहीं है कि यह जानकारी मौजूदा सिविल एयरपोर्ट/ सिविल एन्क्लेव के लिए ही है या धनौली-अभयपूरा, -बल्हेरा के उस प्रस्तावित एयरपोर्ट के लिए भी है, जिसे मौजूदा एयरपोर्ट को शिफ्ट करने के लिए बनाया जाना है।
सिविल सोसायटी ऑफ आगरा का कहना है कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) द्वारा प्रस्तावित एयरपोर्ट को शिफ्ट करने के बजाय मौजूदा एयरपोर्ट को ही विकसित किया जाना चाहिए। उनका कहना है कि मौजूदा एयरपोर्ट ताज ट्रिपेजियम जोन (TTZ) के तहत आता है, जहां शिफ्ट होने वाले प्रोजेक्टों को तमाम उदारताएं और छूट दी गई हैं। जबकि नये प्रोजेक्ट को क्लीयरेंस के लिए पाबंदियों से बचने और अनुमतियों के लिए तमाम औपचारिकताओं को पूरा करना होता है।
सिविल सोसायटी ऑफ आगरा का यह भी कहना है कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि आगरा सिविल एयरपोर्ट प्रोजेक्ट पीएम गति शक्ति मिशन में अब भी है या बाहर किया जा चुका है। क्योंकि, अगर सरकार खुद ही एयरपोर्ट का निर्माण कर रही है, तो उसे पीएम गति शक्ति मिशन में शामिल करने की आवश्यकता नहीं है।
सिविल सोसायटी ऑफ आगरा की अपेक्षा है कि सरकार आगरा सिविल एयरपोर्ट प्रोजेक्ट को 2024 में ही क्रियान्वयन करवा दे। क्योंकि, इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए कोई वित्तीय व्यवस्था नहीं है। पूर्व में जो धन आवंटित था, उसका उपयोग अन्य किसी कार्य में कर लिया गया है।
सिविल सोसायटी ऑफ आगरा ने आगरा के सम्मानित जनप्रतिनिधि, उद्योगों से जुड़े संगठन और टूरिज्म इंडस्ट्री के असरदार लोगों से अपील की है कि वे आगरा सिविल एयरपोर्ट प्रोजेक्ट के लिए 2024 के इंटरिम बजट में प्रयास करें।