व्यापारी की चोरी हुई सरसों बेचने की रकम का नहीं हुआ खुलासा
मंडी से दो दुकानों से अनाज व दिन दहाड़े मंडी परिसर के बाहर खड़े टैक्टर ट्रॉली चोरी का भी नहीं लगा सुराग
अग्र भारत संवाददाता
आगरा।आगरा कमिश्नरेट के अछनेरा सर्किल के थाना क्षेत्र में अछनेरा भरतपुर रोड स्थित अनाज मंडी से विगत में हुई एक के बाद एक चोरियों के खुलासे को लेकर अछनेरा पुलिस अभी भी चर्चाओं में है। 14 .50 टन सरसों सहित लोड ट्रैक्टर ट्रॉली चोरी के प्रकरण का पुलिस ने खुलासा किया था। लेकिन उसमें भी व्यापारियों ने झोल का आरोप लगाते हुए पुलिस आयुक्त और उपमुख्यमंत्री को प्रार्थना पत्र सौंपे थे। उक्त प्रकरण का संज्ञान लेकर एसीपी अछनेरा द्वारा व्यापारियों को 10 मई तक प्रकरण का सही खुलासा और आरोपियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही का आश्वासन दिया गया था।लेकिन आज तक व्यापारी की चोरी हुई ररसों को बेचने की रकम खुलासा नहीं किया गया और जय शक्ति ट्रेडर्स व मनोज एंड ब्रदर्स से चोरी हुए अनाज एवम् दिन दहाड़े मंडी में अनाज बेचने आए किसान का मंडी के बाहर से चोरी हुए ट्रैक्टर ट्रॉली का अछनेरा पुलिस सुराग नहीं लगा सकी है।
बताया जाता है कि अछनेरा थाना अंतर्गत भरतपुर रोड स्थित अनाज मंडी से लगातार एक के बाद एक तीन बड़ी चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया गया था।चोरी की घटनाओं से आहत में आकर व्यापारी वर्ग ने मंडी बंद रखकर प्रदर्शन कर पुलिस आयुक्त से लेकर उपमुख्यमंत्री तक ज्ञापन सौंपा था।लेकिन व्यापारियों द्वारा सौंपा गया ज्ञापन और प्रदर्शन बे नतीजा रहें हैं।व्यापारी समिति के अध्यक्ष सुभाष चंद्र से बात की गई तो बताया चोरी माल की रकम व्यापारी को दी गई है इसी लिए मामला रफा दफा हुआ है ,लेकिन मुझे संपूर्ण जानकारी नहीं है।सूत्रों के अनुसार पुलिस के कथित सरंक्षण में व्यापारी की चोरी हुई सरसों की रकम का गुप चुप तरीके से देकर फैसला कराया गया है।जिसमें आरोप है कि चोरी में संनलिप्त आरोपियों को बचाने की पूरी रणनीति बनाई गई है।
यह घटना कई सवालों को जन्म देती है:
1. पैसा किसने दिया?
.क्या व्यापारी ने खुद पैसा दिया?क्या किसी अन्य पक्ष ने दबाव डालकर रकम चुकाने के लिए मजबूर किया?क्या यह रकम पुलिस अधिकारियों द्वारा मांगी गई थी?
2. क्या अन्य आरोपी हैं?
.क्षेत्रीय लोगों का दावा है कि इस चोरी में और भी आरोपी शामिल हैं।क्या पुलिस ने इन आरोपियों की पहचान की है?क्या उन्हें गिरफ्तार किया गया है?
3. चोरी के माल के खरीदार-विक्रेताओं पर क्या कार्रवाई हुई?
.चोरी का माल बेचने और खरीदने वाले लोग भी अपराध में भागीदार होते हैं।क्या पुलिस ने इन लोगों की पहचान की है?क्या उनके खिलाफ कोई कार्रवाई की गई है?
4. एक व्यक्ति को हिरासत में क्यों लिया गया?
यदि पुलिस चोरी के माल तक पहुंच चुकी थी, तो इसका मतलब है कि उनके पास कुछ सुराग थे।हिरासत में लिए गए व्यक्ति के बारे में क्या जानकारी है?क्या उससे पूछताछ की जा रही है?क्या उसके खिलाफ कोई सबूत मिला है?
यह मामला कई बेचैनी पैदा करता है।
क्या व्यापारी पर दबाव डाला गया था?
क्या पुलिस इस मामले में निष्पक्ष है?
क्या सभी आरोपियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा?