ब्रज और द्वारिका की कृष्ण संस्कृति का मेल: गुजरात की महिलाओं ने जोड़ा 37 हजार से अधिक हाथ

Komal Solanki
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दोनों राज्यों की बहनें यमुना तट पर एक कार्यक्रम के दौरान।

मथुरा: भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं से जुड़ी ब्रज और द्वारिका की संस्कृति को एक मंच पर लाने का अनूठा प्रयास किया गया है। गुजरात से आई 37 हजार से अधिक महिलाओं ने मथुरा में एकत्रित होकर कृष्ण संस्कृति को जीवंत करने का संकल्प लिया है।

गोकुल में सांस्कृतिक कार्यक्रम

बीते दिन गोकुल में यमुना तट पर आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में गुजरात और ब्रज की महिलाओं ने मिलकर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इस दौरान भजन, कीर्तन और नृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियां देखने को मिलीं।

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गोवर्धन दर्शन

इसके बाद गुजरात से आई अहीरानियों ने गोवर्धन पर्वत का दर्शन किया। इससे पहले उन्होंने गांव अड़ींग स्थित कमल कुंड के दर्शन किए।

एकजुटता का संदेश

इस आयोजन में शामिल लिली बहन ने कहा कि वह दोनों राज्यों की बहनों को एकजुट कर भगवान कृष्ण की संस्कृति को जीवंत करने और उनके आदर्शों को जीवन में ढालने की दिशा में प्रयास कर रही हैं। गुजरात की अन्य बहनों ने भी इस बात पर जोर दिया कि देश के हर राज्य की यादव कुल की बहनों को बाल कृष्ण और द्वारिकाधीश कृष्ण के जीवन चरित्र से प्रेरणा लेनी चाहिए।

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स्थानीय लोगों का स्वागत

गांव अड़ींग में गुजरात से आई अहीरानियों का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ समाजसेवी प्रह्लाद यादव, संजय यादव (जिलाध्यक्ष यादव महासभा), हरिओम यादव बाटी (उपाध्यक्ष), नीरज यादव क्रांति (जिला महासचिव), लिरी बैन, अमिता बैन, गीता बैन, रमा बैन, पूनम यादव और गांव अड़ींग की अन्य महिलाएं मौजूद रहीं।

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