आगरा: आंध्रा बैंक से 30 लाख रुपये का फर्जीवाड़ा करने के मामले में आरोपी सचिन सिंह ठाकुर की जमानत अर्जी खारिज कर दी गई है। आरोपी ने बैंक को गुमराह करके फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लोन लिया था।
क्या है मामला:
थाना हरीपर्वत में दर्ज इस मामले में आरोपी सचिन सिंह ठाकुर और उसकी पत्नी रचना ने एक फ्लैट के लिए 30 लाख रुपये का लोन लिया था। उन्होंने बैंक को अनूप कुमार समरवार को गारंटर के रूप में दिखाया था। हालांकि, बाद में पता चला कि यह फ्लैट मनोज चंद उपाध्याय का था और आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लोन हासिल किया था। आरोपी ने कुछ किश्तें जमा करने के बाद बैंक को चूना लगा दिया और फरार हो गए।
अदालत का फैसला:
एडीजे रविकांत ने एडीजीसी आदर्श चौधरी के तर्कों को स्वीकार करते हुए आरोपी की जमानत अर्जी खारिज कर दी। अदालत का मानना है कि आरोपी ने बैंक के साथ धोखाधड़ी की है और उसे सजा मिलनी चाहिए।
यह मामला एक बड़ी चेतावनी है:
यह मामला बैंकों से लोन लेने वालों के लिए एक बड़ी चेतावनी है। हमें हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि हम किसी भी बैंक से लोन लेने से पहले सभी दस्तावेजों को अच्छी तरह से जांच लें। हमें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारी जानकारी बैंक के साथ साझा करते समय पूरी तरह से सच हो।