मिढ़ाकुर में बिना एस्टीमेट के जारी हुए विद्युत कनेक्शन में खुलने लगे राज
आगरा। जनपद के विद्युत विभाग में फैली अंधेरगर्दी और भ्रष्टाचार पर उच्चाधिकारियों की अनदेखी का फायदा अधीनस्थ अधिकारी जमकर उठा रहे हैं। जिन विभागीय अधिकारियों पर विभाग का राजस्व बढ़ाने का जिम्मा होता है, वही अधिकारी अपने निजी स्वार्थ की खातिर नियमों को दरकिनार कर रहे हैं।
आपको बता दें कि कस्बा किरावली स्थित विद्युत उपकेंद्र से संबद्ध मिढ़ाकुर कस्बा का एक प्रकरण का बीते दिनों भंडाफोड़ हुआ था। उक्त प्रकरण में वायरल हुई वीडियो से स्थानीय विद्युत अधिकारियों की अपने कार्य के विपरीत कार्यप्रणाली की पोल खुल गई थी। उपभोक्ता को विद्युत कनेक्शन जारी करने के लिए लाइनमैन और टीजीटू ने मिलकर जो खेल खेला, उस पर उनके उच्चाधिकारी अवर अभियंता मिढ़ाकुर ने आंख मूंदकर भरोसा करके आगे बढ़ा दिया। जिस कनेक्शन के लिए 100 मीटर से अधिक दूरी होने पर आवश्यक एस्टीमेट तैयार होना था, लाइनमैन और टीजीटू ने मिलकर उस अधिक दूरी को सिर्फ 20 मीटर में समेटकर विभाग के राजस्व को चूना लगा दिया।
गर्दन फंसने पर मीटर उखाड़ने पहुंचे विभागीय कर्मियों को लौटना पड़ा उल्टे पांव
सूत्रों के अनुसार अग्र भारत द्वारा विद्युत विभाग के भ्रष्टाचार को प्रमुखता से प्रकाशित करने पर मंगलवार को विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों ने मिढ़ाकुर की दौड़ लगा दी। जिस व्यक्ति को अनाधिकृत रूप से कनेक्शन जारी हुआ था, उसका मीटर उखाड़ने के लिए प्रयास शुरू हुए। उपभोक्ता को जब इसकी भनक लगी तो मौके पर आकर उसने विद्युत विभाग की टीम को बुरी तरह हड़का दिया। कथित रूप से उसने टीम को मीटर उखाड़ने पर अंजाम भुगतने की चेतावनी दे डाली। उसने साफ तौर पर कह दिया कि उसने सुविधा शुल्क देकर अपना कनेक्शन जारी करवाया है तो अब उसका कनेक्शन किसी सूरत में विच्छेदित नहीं हो सकता।
कहीं का हुआ फोटो तो कहीं पर दिया कनेक्शन
इस मामले में लाइनमैन और टीजीटू ने मिलकर जो रिपोर्ट तैयार की थी, वह रिपोर्ट पूरी तरह संदेह के घेरे में दिख रही है। मिढ़ाकुर के जिस घर में पहले से ही तीन मीटर लगे हुए हैं, उसी घर का फोटो दिखाकर लाइनमैन और टीजीटू ने दूसरी जगह का कनेक्शन जारी करवाने हेतु रिपोर्ट को अग्रेषित कर दिया।
अवर अभियंता की भूमिका पर उठने लगी उंगली
बताया जा रहा है कि मिढ़ाकुर के अवर अभियंता पर ही किरावली क्षेत्र का ही जिम्मा है। अवर अभियंता द्वारा अपने साथ एक खास कारखास को लगा रखा है, उसी के इशारे पर पूरा नेटवर्क संचालित होता है। मिढ़ाकुर में नियम विरूद्ध तरीके से जो कनेक्शन जारी हुआ है, विभाग को उससे लाखों रूपये के राजस्व की हानि पहुंची है। एस्टीमेट बनने पर राजस्व विभाग के खाते में पहुंचता, लेकिन अपने स्वार्थ के कारण विभागीय अधिकारियों ने ही उस पर पानी फेर दिया।
,,प्रकरण संज्ञान में है,जांच कराई जा रही है जल्द ही दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी
मनमोहन शर्मा उपखंड अधिकारी किरावली